राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (NSD) 2023
सम्पूर्ण देश में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (NSD) 2023 मनाया गया है । राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन प्रतिवर्ष 1986 से मनाया जा रहा है।
- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस,2023 की थीम – “वैश्विक कल्याण लिए वैश्विक विज्ञान” (Global Science for Global Wellbeing) है ।
- विदित हो कि वर्ष 1928 में 28 फरवरी के दिन ही नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिक विज्ञानी सी. वी. रमन ने रमन प्रभाव की खोज की घोषणा की थी ।
- रमन प्रभाव को रमन स्कैटरिंग भी कहा जाता है। उन्हें 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला था।
- उन्हें वर्ष 1954 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। वे विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रथम एशियाई और प्रथम अश्वेत व्यक्ति थे ।
- रमन प्रभाव प्रकाश की तरंग दैर्ध्य में परिवर्तन को दर्शाता है। यह परिवर्तन अणुओं द्वारा प्रकाश किरण को विक्षेपित (deflected) किए जाने के बाद उत्पन्न होता है ।
- जब प्रकाश की कोई किरण किसी रासायनिक यौगिक के धूल रहित व पारदर्शी माध्यम को पार करती है, तो प्रकाश का एक लघु अंश आने वाली (आपतित ) किरण की सीधी दिशा के अलावा अन्य दिशाओं में बिखर जाता है।
- इस बिखरे हुए प्रकाश का अधिकतर हिस्सा अपरिवर्तित तरंगदैर्ध्य का होता है ।हालांकि, एक लघु हिस्से की तरंगदैर्ध्य आपति प्रकाश की तरंगदैर्ध्य से भिन्न होती है । यह रमन प्रभाव परिघटना के कारण होता है।
रमन प्रभाव का महत्त्व –
- किसी पदार्थ की रासायनिक संरचना की पहचान और विश्लेषण करने के लिए रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी में उपयोग किया जाता है ।
- यह क्वांटम सिद्धांत के लिए महत्वपूर्ण है।
- इसका उपयोग सुदूर संवेदन और ग्रहों की खोज में किया जाता है ।
सी. वी. रमन के अन्य योगदान:
- उन्होंने 1926 में इंडियन जर्नल ऑफ फिजिक्स की शुरुआत की थी।
- उन्होंने 1948 में बेंगलुरु में रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की थी ।
स्रोत – पी.आई.बी.