राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2021 संसद में प्रस्तुत
हाल ही में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री द्वारा राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2021 संसद में प्रस्तुत किया गया है ।
विधेयक के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- भारत में डोपिंग से मुक्त खेल-गतिविधियां सुनिश्चित करने एवं खेलों में डोपिंग नियंत्रण कार्यक्रम संचालित करने के लिए मौजूद ढांचे और तंत्र को मजबूत करना।
- संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के डोपिंग के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय अभिसमय के उद्देश्यों को प्राप्त करना। भारत द्वारा वर्ष 2007 में इस अभिसमय की अभिपुष्टि की गई थी।
विधेयक के प्रमुख प्रावधानः
- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA), राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (NDTL) और अन्य डोप परीक्षण प्रयोगशालाओं के संचालन के लिए सांविधिक ढांचा निर्मित किया जाएगा।
- सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत सोसायटियों के रूप में स्थापित NADA और NDTL को विघटित कर पुनर्गठित किया जाएगा।
- यह NADA को जांच, डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन के लिए प्रतिबंध लगाने और निरीक्षण, नमूना संग्रह करने तथा उसे साझा करने एवं सूचना के मुक्त प्रवाह कीशक्तियां प्रदान करता है।
- ध्यातव्य है कि NADA के पास पूर्व में छापा (Raid) डालने का कोई अधिकार नहीं था।
- खेलों में डोपिंग रोध के लिए एक राष्ट्रीय बोर्ड की स्थापना की जाएगी। इसमें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष और दो अन्य सदस्य शामिल होंगे।
- बोर्ड, एजेंसी और NDTL का लेखांकन एवं लेखा परीक्षण, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा किया जाएगा।
डोपिंग के बारे में
- डोपिंग ऐसे पदार्थों या शरीर क्रिया विज्ञान संबंधी मध्यवर्ती पदार्थों (physiological mediators) के उपयोग को दर्शाता है, जो सामान्य रूप से मानव शरीर मेंनहीं पाए जाते हैं। एक प्रतियोगिता के दौरान इसे एथलीटों द्वारा अपनी प्रदर्शन क्षमता को बढ़ाने के लिए बाहरी सहायता के रूप में ग्रहण किया जाता है।
- भारत द्वारा वर्ष 2008 में NDTL और वर्ष 2009 में NADA की स्थापना की गई थी। वर्तमान में NDTL को तकनीकी आवश्यकताओं को पूर्ण करने में विफल रहने के कारण विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) द्वारा निलंबित कर दिया गया है।
स्रोत – द हिन्दू