BIS द्वारा मानक राष्ट्रीय कार्य योजना (SNAP), 2022 का मसौदा जारी
हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने मानक राष्ट्रीय कार्य योजना (SNAP), 2022 का मसौदा जारी किया है।
SNAP में कार्यवाहियों के एक सेट का प्रस्ताव किया गया है। ये कार्यवाहियां BIS को राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप में इसे सौंपे गए कार्यों को करने में सक्षम बनाएंगी।
साथ ही, BIS की बाजार की जरूरतों के अनुसार मानकों को कुशल और समयबद्ध तरीके से तैयार करने में भी मदद करेंगी ।
मानक प्रमाणीकरण से यह तात्पर्य है कि कोई उत्पाद या सेवा अपने डिजाइन और प्रोटोकॉल्स में निर्धारित गुणवत्ता की शर्तों को पूरा करता / करती है।
मसौदा SNAP की मुख्य विशेषताएं
संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य 2030 (SDGs) और पेरिस समझौते पर भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप मानकों को विकसित करने एवं संशोधित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
अर्धचालकों जैसी प्रौद्योगिकियों; IT सेवाओं; तथा मेटावर्स और साइबर सुरक्षा जैसी सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) तकनीकों को BIS के प्रमाणीकरण के दायरे में लाने का प्रस्ताव किया गया है।
BIS के कार्य क्षेत्रों में पर्यावरण, स्वास्थ्य और सुरक्षा, बिल्डिंग, निर्माण एवं शहरी विकास, वस्त्र, परिवहन आदि शामिल किए जाएंगे ।
मानकीकरण की आवश्यकता
वस्तुओं और सेवाओं की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार मुक्त आवाजाही को आसान बनाता है।
इंटरऑपरेबिलिटी, विश्वसनीयता, सुरक्षा और निजता सुनिश्चित करके डिजिटल व डेटा संचालित अर्थव्यवस्था पर विश्वास बढ़ाता है।
बाजार पर विश्वास बनाने और घरेलू उत्पादों को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत करने में सहायता करता है।
BIS के बारे में
BIS भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है। यह उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत कार्य करता है ।
यह वस्तुओं आदि के मानकीकरण, मार्किंग और गुणवत्ता प्रमाणन संबंधी गतिविधियों के विकास के लिए जिम्मेदार है ।
इसे BIS अधिनियम, 2016 के तहत सांविधिक दर्जा दिया गया है।
भारत में अलग-अलग प्रमाणन चिह्न-
ISI: इसका उपयोग भारत में मानक औद्योगिक उत्पादों के लिए किया जाता है। यह कुछ उत्पादों (जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक्स) के लिए अनिवार्य है, वहीं कुछ उत्पादों के लिए स्वैच्छिक है।
BIS द्वारा प्रमाणित
एगमार्क: यह कृषि उत्पादों के लिए है। इसे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय जारी करता है।
फूड प्रोडक्ट ऑर्डर (FPO) मार्क: यह भारत में बेचे जाने वाले सभी प्रसंस्कृत फल उत्पादों (जैसे कि पैकेज्ड फ्रूट बेवरेज, फ्रूट – जैम) आदि के लिए अनिवार्य है। इसे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय जारी करता है ।
BIS हॉलमार्क: यह सोने और चांदी जैसी बहुमूल्य धातुओं के आभूषणों की बिक्री के लिए हॉलमार्किंग प्रणाली है। यह धातु की शुद्धता प्रमाणित करती है । यह सत्यापित करता है कि आभूषण BIS द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप हैं ।
गैर-प्रदूषणकारी वाहन मार्क: भारत में बेचे जाने वाले सभी नए मोटर वाहनों पर अनिवार्य प्रमाणीकरण मार्क लगाना आवश्यक है
भारतीय जैविक प्रमाणीकरण: यह भारत में निर्मित जैविक कृषि वाले खाद्य उत्पादों के लिए एक प्रमाणन चिह्न है। इसे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) द्वारा मान्यता प्राप्त परीक्षण केंद्र जारी करते हैं ।
स्रोत – द हिन्दू