राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) 2021 रिपोर्ट जारी
हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) 2021 रिपोर्ट जारी की है ।
राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (National Achievement Survey: NAS) के बारे में:
- यह भारत में सबसे बड़ा राष्ट्रव्यापी, नमूना-आधारित शिक्षा सर्वेक्षण है। यह सर्वेक्षण जिला,राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर छात्रों में सीखने की क्षमता पर फीडबैक प्रदान करने के लिए आयोजित किया जाता है। इसका आयोजन शिक्षा मंत्रालय के अधीन स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के तत्वावधान में किया जाता है।
- इसका आयोजक संगठन केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) NAS 2021 के लिए) है।
- इस सर्वेक्षण की रूपरेखा और घटक NCERT द्वारा तैयार किए गए हैं।
- NAS 2021 का आयोजन 22 अलग-अलग भाषाओं में OMR-आधारित उपलब्धि परीक्षण के माध्यम से किया गया है।
- यह सर्वेक्षण कक्षा 3, 5, 8 और 10 के छात्रों के लिए आयोजित किया जाता है।
- कक्षा 3 और 5 के छात्रों का मूल्यांकन पाठ्यक्रम के तीन विषयों में किया जाता है। कक्षा 8 के छात्रों का मूल्यांकन चार विषयों में, तथा कक्षा 10 के छात्रों का मूल्यांकन पांच विषयों में किया जाता है।
- सर्वेक्षण में राज्यों के सरकारी स्कूल, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल, गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूल और केंद्र सरकार के स्कूल शामिल किये जाते हैं।
NAS 2021 के मुख्य निष्कर्ष:
- सभी विषयों और कक्षाओं के प्रदर्शन स्तरों में गिरावट दर्ज की गयी है। 178% छात्रों ने माना कि महामारी के दौरान घर पर सीखना बोझिल लगता था। 24% छात्रों के पास घर पर डिजिटल उपकरण उपलब्ध नहीं थे।
- 18% बच्चों की माता पढ़-लिख नहीं सकती थी। 7% स्कूल, शिक्षकों की अनुपस्थिति का सामना कर रहे हैं।
NAS का महत्व:
- यह जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर छात्रों की उपलब्धि का आकलन प्रदान करता है।
- गुणवत्ता में सुधार और सीखने की क्षमता में समानता सुनिश्चित करने के लिए नीति निर्माण तथा शैक्षणिक पहलों को डिजाइन करने के लिए इनपुट प्रदान करता है।
शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (ASER)
- ASER, सीखने की क्षमता का व्यापक आकलन करने वाला एक अन्य सर्वेक्षण है। इसे वर्ष 2005 में NGO ‘प्रथम’ ने शुरू किया था।
- ASER सभी ग्रामीण जिलों को शामिल करने वाला एक वार्षिक पारिवारिक सर्वेक्षण है।
- इसमें सभी बच्चों को शामिल किया जाता है। इनमें स्कूल छोड़ने वाले बच्चे या ऐसे बच्चे जो कभी स्कूल नहीं गए हैं, उनकी भी पहचान की जाती है।
- सर्वेक्षण में 3-16 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों की स्कूली शिक्षा की स्थिति का आकलन किया जाता है। वहीं 5-16 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों की पढ़ने की बुनियादी क्षमता और बुनियादी अंकगणितीय क्षमता का आकलन किया जाता है।
स्रोत –द हिन्दू