राष्ट्रीय उन्नत रासायनिक सेल बैटरी भंडारण कार्यक्रम योजना
- हाल ही में, भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन योजना (PLI Scheme) “राष्ट्रीय उन्नत रासायनिक सेल बैटरी भंडारण कार्यक्रम” (National Programme on Advanced Chemistry Cell Battery Storage) का प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसे केंद्रीय मंत्रि मंडल ने लागू करने की मंजूरी दे दी है।
- विदित हो कि निकट भविष्य में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक सामान, बिजली से चलने वाले वाहन, उन्नत विद्युत ग्रिड, सौर ऊर्जा आदि में इस तरह की बैटरी की भारी आवश्यकता होगी।
राष्ट्रीय उन्नत रासायनिक सेल बैटरी भंडारण कार्यक्रम” योजन के बारे में
- इस योजना के तहत 50 गीगा वॉट ऑवर्स और 5 गीगा वॉट ऑवर्स की उन्नत रासायनिक सेल (Advanced Chemistry Cell– ACC)क्षमता वाली बैटरी का निर्माण किया जायेगा ।
- इस टेस्ला-स्टाइल गीगा फैक्ट्रीज की लागत 18,100 करोड़ रुपये है। उन्नत रसायन सेल (ACC) नई पीढ़ी की बैटरी है, जिसके तहत बिजली को इलेक्ट्रो-कैमिकल या रासायनिक ऊर्जा के रूप में भंडारित किया जा सकता है तथा आवश्यकता पड़ने पर, इसे दोबारा से विद्युत् उर्जा में परिवर्तित जा सकता है।
- इस योजना के तहत, 50 गीगावॉट ऑवर्स की ‘उन्नत रासायनिक सेल’ (ACC) बैटरी निर्माण सुविधा की स्थापना के लिए लगभग 45,000 करोड़ रुपये का निवेश सीधे आकर्षित किया जाएगा ।
- इस योजना में प्रत्येक चयनित ACC बैटरी भंडारण निर्माता को, कम से कम 5गीगावॉट ऑवर्स की निर्माण सुविधा स्थापित करना और 5 सालों के भीतर 60 प्रतिशत तक घरेलू मूल्य संवर्धन करना होगा।
योजना का महत्व:
- “राष्ट्रीय उन्नत रासायनिक सेल (ACC) बैटरी भंडारण कार्यक्रम” से आयात पर निर्भरता कम होगी, क्योंकि अभी इस तरह की बैटरी का भारत में आयात किया जाता है । ACC बैटरी के भारत में निर्माण से आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मदद मिलेगी।
- ACC बैटरी भंडारण निर्माता का चयन एक पारदर्शी प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के जरिये किया जाएगा। चयन के बाद निर्माणक इकाई को दो वर्ष के भीतर काम चालू करना होगा।
- एसीसी बैटरी भंडारण निर्माण परियोजनाओं में लगभग 45,000 करोड़ रुपये का निवेश आयेगा।
- भारत में बैटरी निर्माण की मांग को पूरा किया जा सकेगा। मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी।
- इस योजना के तहत एसीसी बैटरी निर्माण से विद्युत चालित वाहन (ईवी) को प्रोत्साहन मिलेगा, और पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी। इससे जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकेगा।
- एसीसी में उच्च विशिष्ट ऊर्जा सघनता को हासिल करने के लिये अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।नई और अनुकूल बैटरी प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहन मिलेगा ।
स्रोत – पीआईबी