राष्ट्रपति पर आपराधिक अभियोग चलाने के विषय पर USA और भारत में उपबंध
हाल ही में, डोनाल्ड ट्रम्प आपराधिक अभियोग का सामना करने वाले अमेरिका के प्रथम पूर्व – राष्ट्रपति बन गए हैं।
अमेरिका और भारत, दोनों ही देशों में पदासीन राष्ट्रपति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 361 (2) में इस प्रावधान का उल्लेख किया गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका के न्याय विभाग के संकल्प में इस आशय का उपबंध किया गया है।
हालांकि, यह उन्मुक्ति संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के पूर्व – राष्ट्रपतियों को प्राप्त नहीं है ।
इसके अलावा, भारत में वह व्यक्ति जिसे दो या अधिक वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई है, वह छह साल तक राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकता है।
हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका में ऐसा व्यक्ति राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार हो सकता है और यहां तक कि राष्ट्रपति का पद भी धारण कर सकता है।
तुलना के अन्य प्रमुख बिंदु
भारतीय राष्ट्रपति:
न्यूनतम 35 वर्ष की आयु का होना चाहिए, भारत का नागरिक होना चाहिए,लोक सभा के सदस्य के रूप में चुनाव लड़ने के लिए पात्र होना चाहिए । किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए ।
आधार: संविधान का अतिक्रमण ।
महाभियोग संबंधी संकल्प संसद के दोनों में से किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है।
इस संकल्प को दोनों सदनों के दो-तिहाई बहुमत से पारित होना आवश्यक है ।
अमेरिकी राष्ट्रपति:
35 वर्ष की आयु का होना चाहिए, 14 साल से संयुक्त राज्य अमेरिका का निवासी होना चाहिए। साथ ही, उसे अमेरिका का प्राकृतिक नागरिक होना चाहिए।
इसका अर्थ है कि उसका जन्म अमेरिका में हुआ होना चाहिए ।
आधार: राजद्रोह, रिश्वत या अन्य गंभीर अपराध और दुराचार ।
महाभियोग संबंधी संकल्प हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में पेश किया जा सकता है।
इस संकल्प को पारित होने के लिए हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में साधारण बहुमत और सीनेट में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।
स्रोत – द हिन्दू