नीति आयोग द्वारा राज्य स्वास्थ्य सूचकांक का चौथा संस्करण जारी
हाल ही में नीति आयोग ने राज्य स्वास्थ्य सूचकांक का चौथा संस्करण जारी किया है ।
इस संस्करण को “राज्य स्वास्थ्य सूचकांक, प्रगतिशील भारत’ शीर्षक दिया गया है। इस संस्करण को नीति आयोग ने विश्व बैंक की तकनीकी सहायता और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के गहन परामर्श से विकसित किया है।
चरण स्वास्थ्य परिणामों पर कोविड-19 के प्रभावों को प्रदर्शित नहीं करता है। इसका कारण यह है कि सूचकांक के अंतर्गत प्रदर्शन, वर्ष 2018-19 के आधार वर्ष औरवर्ष 2019-20 के संदर्भ वर्ष से संबंधित है।
इसका उद्देश्य राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों को मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली स्थापित करने और सेवा वितरण में सुधार करने के लिए प्रेरित करना है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस सूचकांक को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रोत्साहन से जोड़ने का भी निर्णय लिया है।
राज्य स्वास्थ्य सूचकांक ‘स्वास्थ्य से संबंधित परिणामों’, ‘अमिशासन व सूचना’ और ‘प्रमुख इनपुट/प्रक्रियाओं के क्षेत्र के तहत समूहीकृत 24 संकेतकों पर आधारित एक भारित समेकित सूचकांक है।
यह राज्यों और संघ राज्यक्षेत्रों को स्वास्थ्य परिणामों के साथ-साथ उनकी समग्र स्थिति में उनके वर्ष-दर-वर्ष वृद्धिशील प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग प्रदान करता है।
लगभग आधे राज्य और संघ राज्यक्षेत्र कुल समग्र सूचकांक स्कोर में आधे अंकों तक भी नहीं पहुंच पाए हैं।
श्रेणियाँ
- समग्र प्रदर्शन में शीर्ष रैंक वाले बड़े राज्य – केरल और तमिलनाडु, एवं छोटे राज्य –मिजोरम और त्रिपुरा ,संघ राज्यक्षेत्र – दादरा और नगर हवेली, दमन एवं दीव तथा चंडीगढ़
- वार्षिक वृद्धिशील प्रदर्शन में शीर्ष रैंक वाले बड़े राज्य – उत्तर प्रदेश, असम और तेलंगाना,एवं छोटे राज्य – मिजोरम और मेघालय ,संघ राज्यक्षेत्र-दिल्ली तथा जम्मू और कश्मीर
स्रोत – द हिन्दू