रवींद्रनाथ टैगोर की 160 वीं जयंती
रवींद्रनाथ टैगोर की 160 वीं जयंती
- 07 मई, 2021 को देश भर में रवींद्रनाथ टैगोर की 160 वीं जयंती मनाई गई। ये एक विश्व प्रसिद्ध कवि, साहित्यकार और दार्शनिक के रूप में जाने जाते हैं।
- इनका जन्म 07 मई, 1861 को ब्रिटिश भारत की बंगाल प्रेसीडेंसी,जो अब कलकत्ता के रूप में जानी जाती है,में हुआ था।
मुख्य बिंदु :
- बहुमुखी प्रतिभा के धनी रवींद्रनाथ टैगोर ने बंगाली साहित्य और संगीत को बहुत प्रभावित किया। इसके अलावा उन्होंने 20वीं शताब्दी की शुरुआत में प्रासंगिक आधुनिकतावाद के साथ भारतीय कला का पुनरुत्थान किया।
- रवींद्रनाथ टैगोर ने मात्र 8 वर्ष की आयु में ही कविता लिखना प्रारंभ कर दिया था, और 16 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संग्रह प्रकाशित हुआ ।
- रवींद्रनाथ टैगोर का मानना थाकिउचितशिक्षातथ्योंकीव्याख्यानहींकरतीहै, बल्कि जिज्ञासा को बढ़ाती है।
- रवींद्रनाथ टैगोर 1913 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले गैर-यूरोपीय थे । यह नोबेल पुरस्कार सुंदर रूप से लिखी गई पुस्तक ‘गीतांजलि’ के लिए दिया गया था।
- ‘गीतांजलि’ को मूल रूप से बंगाली भाषा में लिखा गया था, और बाद में इसका अंग्रेज़ी में अनुवाद किया गया। विदित ही कि, रवींद्रनाथ टैगोर ने ही महात्मा गांधी को ‘महात्मा’ की उपाधि दी थी।
- रवींद्रनाथ टैगोर की रचनाओं से दो देशों के राष्ट्रगान लिए गए हैं, जिनमे पहला भारत का राष्ट्रगान (जन गण मन), और दूसरा बांग्लादेश का राष्ट्रगान (आमार सोनार बांग्ला) है। श्रीलंका के राष्ट्रगान को भी उनकी रचनाओं से प्रेरित माना जाता है।
स्रोत: द हिन्दू
[catlist]