भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में लगभग 16,000 करोड़ रुपये
हाल ही में वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का रक्षा निर्यात लगभग 16,000 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा गया है।
भारत ने 2016–17 से रक्षा निर्यात में 10 गुना से अधिक की वृद्धि की एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।
भारत ने 2024-25 तक 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के रक्षा निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया है।
रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने वाली कुछ प्रमुख पहलें निम्नलिखित हैं:
रक्षा निर्यात रणनीति तैयार की गई है। इसके अलावा, रक्षा निर्यात संचालन समिति (DESC) और निर्यात संवर्धन प्रकोष्ठ (EPC) का गठन किया गया है।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने रक्षा निर्यात के लिए “देशों की एक नकारात्मक सूची तैयार की है।
निर्यात प्राधिकार की अनुमति प्राप्त करने व उसे प्रक्रियागत करने के लिए एक पूर्णतया एंड-टू एंड ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है।
यह पोर्टल निर्यात प्रक्रिया में देरी को कम कर रहा है। साथ ही, ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा भी दे रहा है।
रक्षा खरीद प्रक्रिया (DPP) में स्वदेशी सामग्री संबंधी मानदंड तय किए गए हैं।
सरकार को विकास लागत के 70 प्रतिशत तक के वित्त पोषण की अनुमति दी गई है।
स्वचालित मार्ग के माध्यम से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दिया गया है।
तीन ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस (OGEL) की अधिसूचना जारी की गई है।
OGEL एक बार में दिया जाने वाला निर्यात लाइसेंस है । यह निर्दिष्ट देशों को विशेषीकृत उत्पादों के निर्यात की अनुमति देता है।
रक्षा निर्यात का महत्त्व
यह भारतीय रक्षा उद्योग को वैश्विक रक्षा मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनाने में मदद करेगा। > यह घरेलू विनिर्माण क्षमता में वृद्धि करेगा ।
यह नई प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करेगा।
यह रक्षा उद्योग में “मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देगा |
रक्षा निर्यात की स्थिति
भारत अब 85 से अधिक देशों को निर्यात कर रहा है।
वर्तमान में 100 कंपनियां रक्षा उत्पादों का निर्यात कर रही हैं।
शीर्ष 3 निर्यात गंतव्य देश हैं: म्यांमार, श्रीलंका और अर्मेनिया ।
स्रोत – पी.आई.बी.