यात्री ट्रेन संचालन परियोजना में सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) के लिए बोलियां
यात्री ट्रेन संचालन परियोजना में सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) के लिए बोलियां
हाल ही में , यात्री ट्रेन संचालन परियोजना में सार्वजनिक निजी भागीदारी (Publicprivate partnership-PPP) के लिए बोलियां आमंत्रित की गई हैं।
मुख्य बिंदु
- रेल मंत्रालय को निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों से 29 जोड़ी ट्रेनों के संचालन के लिए बोलियां प्राप्त हुई हैं। जिनमें लगभग 40 आधुनिक रैक हैं। इनमें लगभग 7,200 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
- इससे पूर्व, रेलवे ने PPP मोड के माध्यम से 12 क्लस्टरों में 151 ट्रेनों (रैक ) को शामिल करने के लिए निजी भागीदारी के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं।
- इन ट्रेनों को उन रूटों पर चलाया जाएगा, जहां ट्रेनों की मांग पहले से ही मौजूद क्षमता से अधिक
- इस परियोजना से लगभग 30,000 करोड़ रुपये के निजी क्षेत्र के निवेश की अपेक्षा की गई है।
निजी संस्था निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी होगी:
- ट्रेनों का वित्तपोषण, खरीद, संचालन और रखरखाव ।
- भारतीय रेल के नियत दुलाई प्रभारों, ऊर्जा प्रभारों आदि का भुगतान।
- सरकार द्वारा गार्ड्स और इंजीनियरों की तैनाती की जाएगी, जो इन ट्रेनों कासंचालन करेंगे, ट्रैक अवसंरचना को बनाए रखेंगे व आदि कार्य संपादित करेंगे।
रेलवे में सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP)की आवश्यकताः
- निम्न रखरखाव व अल्प पारगमन समय और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के साथ आधुनिकरोलिंग स्टॉक (रलवे वाहन) का सूत्रपात करना।
- यात्रियों को सुरक्षा एवं विश्व स्तरीय यात्रा का अनुभव प्रदान करना।
- यात्री परिवहन क्षेत्र में मांग आपूर्ति घाटे को कम करना।
रेलवे में पीपीपी मॉडल
- विदित हो कि ,देश में पहली पीपीपी मॉडल रेलवे लाइन कांडला पोर्ट ट्रस्ट एवं पश्चिमी रेलवे जोन की वित्तीय सहायता से यह रेलवे लाइन गुजरात में गांधीधाम एवं टुना-टेकरा बंदरगाह के मध्य निर्मित की गई थी।
- भारतीय रेलवे में पहला सबसे बड़ा बदलाव प्राइवेट ट्रेन चलाने का किया गया था ।इसके अंतर्गत पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस नवंबर में अहमदाबाद और मुंबई के बीच चलाई गई थी । केंद्र सरकार ने इस ट्रेन को आईआरसीटीसी को लीज पर दिया है।
स्रोत:द हिन्दू
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