भारत-ऑस्ट्रेलिया ‘म्यूच्यूअल रिकग्निशन अरेंजमेंट’ (MRA)

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भारत- ऑस्ट्रेलिया ‘म्यूच्यूअल रिकग्निशन अरेंजमेंट’ (MRA)

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अधिकृत आर्थिक परिचालकों (Authorised Economic Operators : AEO) की पारस्परिक मान्यता व्यवस्था (म्यूच्यूअल रिकग्निशन अरेंजमेंट) को मंजूरी दी है

अधिकृत आर्थिक परिचालकों की ‘म्यूच्यूअल रिकग्निशन अरेंजमेंट’ (MRA) का उद्देश्य सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा वस्तुओं की क्लियरेन्स में दोनों देशों के निर्यातकों को पारस्परिक लाभ प्रदान करना है।

प्रमुख तथ्य:

  • इस व्यवस्था का उद्देश्य आयातक देश के सीमा शुल्क प्राधिकरणों द्वारा माल की निकासी में दोनों हस्ताक्षरकर्ता देशों के मान्यता प्राप्त और विश्वसनीय निर्यातकों को पारस्परिक लाभ प्रदान करना है।
  • यह व्यवस्था विश्व सीमा शुल्क संगठन (World Customs Organisation) के सेफ फ्रेमवर्क मानकों (SAFE Framework of Standards) का एक प्रमुख घटक है, जो वैश्विक स्तर पर व्यापार को उच्च सुविधा प्रदान करते हुए आपूर्ति श्रृंखलाओं की अंतिम छोर तक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए वैश्विक व्यापार को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाता है।
  • इस व्यवस्था से ऑस्ट्रेलिया निर्यात करने वाले भारत के निर्यातकों को लाभ होगा और इस प्रकार दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।
  • ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलियाई विश्वसनीय व्यवसायी कार्यक्रम और भारत में अधिकृत आर्थिक संचालक कार्यक्रम की परस्पर मान्यता दोनों देशों के अधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर किये जाने की तिथि से लागू होगी।
  • दोनों देशों के सीमा शुल्क प्रशासनों की सहमति से प्रस्तावित परस्पर मान्यता व्यवस्था के मूल पाठ को अंतिम रूप दे दिया गया है।
  • भारतीय सीमा शुल्क (Indian Customs) ने दक्षिण कोरिया और हांगकांग के सीमा शुल्क प्रशासन के साथ दो MRAs पर हस्ताक्षर किए हैं। साथ ही, संयुक्त राज्य अमेरिका और ताइवान के साथ MRAs संपन्न होने के अंतिम चरण में हैं।

WCO का सेफ (Framework of Standards: SAFE) फ्रेमवर्क

इसे 2005 में WCO परिषद ने अपनाया था। इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा को मजबूत करना तथा वैध वस्तुओं की आवाजाही को सुविधाजनक बनाना है।

महत्त्व:

  • इसने सीमा पार जाने वाली वस्तुओं के शुरू से अंत तक प्रबंधन के लिए एक नए दृष्टिकोण की शुरुआत की है।
  • यह सीमा शुल्क और व्यापार के बीच घनिष्ठ साझेदारी के महत्त्व को रेखांकित करता है।

विश्व सीमा शुल्क संगठन (WCO):

  • यह एक स्वतंत्र अंतर सरकारी निकाय है। इसे 1952 में सीमा शुल्क सहयोग परिषद (CCC) के रूप में स्थापित किया गया था । इसका मुख्यलय ब्रुसेल्स, बेल्जियम में स्थित है ।
  • इसका उद्देश्य सीमा शुल्क प्रशासन की प्रभावशीलता और दक्षता को बढ़ाना । वर्तमान में 185 देश इसके सदस्य हैं ।

स्रोत – पीआईबी

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