अनियमित मौसम की घटनाओं का मानचित्रण करने के लिए समर्पित केंद्र स्थापित
हाल ही में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) शॉर्ट नोटिस पर चेतावनी प्रदान करने के लिए एक समर्पित केंद्र की स्थापना करेगा। इससे मौसम संबंधी नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी ।
विज्ञान और पर्यावरण केंद्र (CSE) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारत ने 314 दिन चरम मौसम की घटनाओं का सामना किया है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD)
- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) संपूर्ण देश में मौसमी घटनाओं को ट्रैक करने के लिए नोडल एजेंसी है । यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आता है।
- IMD पूर्वानुमान के लिए INSAT उपग्रहों की श्रृंखला के साथ ‘उत्पादों के रियल टाइम विश्लेषण और सूचना प्रसार (RAPID) ऐप्लिकेशन का उपयोग करता है । रैपिड 4 -आयामी विश्लेषण क्षमताओं के साथ त्वरित इंटरैक्टिव विजुअलाइज़ेशन प्रदान करता है ।
- IMD भू-आधारित पर्यवेक्षणों के लिए इसरो के साथ भी सहयोग करता है। इन पर्यवेक्षणों में तापमान, धूप, वायु की दिशा, गति और आर्द्रता का मापन किया जाता है।
IMD द्वारा पूर्वानुमान के लिए उपयोग किए जाने वाले मॉडल स्टैटिस्टिकल एसेंबल फोरकास्टिंग सिस्टम (SEFS), जो निम्नलिखित पर आधारित है:
- उत्तरी अटलांटिक और उत्तरी प्रशांत के बीच समुद्री सतह के तापमान (SST) में उतार-चढ़ाव,
- भूमध्यरेखीय दक्षिण हिंद महासागर में समुद्री सतह का तापमान,
- पूर्वी एशिया में समुद्री स्तर पर औसत दबाव,
- उत्तर-पश्चिम यूरोप में भू-सतह की वायु का तापमान तथा भूमध्यरेखीय प्रशांत में गर्म जल का आयतन ।
मौसम पूर्वानुमान में सुधार के लिए उठाए गए कदम–
- वर्ष 2025 तक डॉपलर वेदर रडार नेटवर्क द्वारा पूरे भारत को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- मुंबई (2020 ) और अन्य शहरों में शहरी बाढ़ चेतावनी प्रणाली की शुरुआत की गई है।
- बेहतर प्रभाव आधारित मौसम पूर्वानुमान के लिए संख्यात्मक मॉडल की फाइन ट्यूनिंग की गई है।
- मौसम के पूर्वानुमान के लिए मौसम ऐप, किसानों को सलाह देने के लिए मेघदूत ऐप जैसी स्मार्ट चेतावनी प्रणालियों का विकास किया गया है ।
स्रोत – द हिंदू