मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 31 महीने के उच्चतम स्तर पर, मांग में वृद्धि
हाल ही में एसएंडपी ग्लोबल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) मई में 31 महीने के उच्च स्तर 58.7 पर पहुंच गया हैं।
- घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय उत्पादों की उच्च मांग पर ऑर्डर सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं, और बाजार में सुधार हो रहा है।
- पीएमआई का यह आंकड़ा उन आंकड़ों के एक दिन बाद आया है जिससे पता चलता है कि जनवरी-मार्च 2023 की तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद 6.1% रहा है, जिससे पूरे वर्ष 2022-23 के लिए विकास अनुमान 7.2% हो गया।
परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI)
- यह विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में आर्थिक प्रवृत्तियों की प्रचलित दिशा का सूचकांक है।
- यह एक आर्थिक संकेतक है, जो विभिन्न कंपनियों के मासिक सर्वेक्षणों के बाद जारी किया जाता है।
- यह कंपनी के निर्णयकर्ताओं, विश्लेषकों और निवेशकों को वर्तमान और भविष्य की व्यावसायिक स्थितियों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
महत्त्व:
- यह एक विश्वसनीय आंकड़ा प्रदान करता है कि एक अर्थव्यवस्था समग्र रूप से कैसा प्रदर्शन कर रही है।
- केंद्रीय बैंक, ब्याज दरों पर निर्णय लेने के लिए PMI का भी उपयोग करती है।
- इक्विटी बाजार के उतार-चढ़ाव को प्रभावित करने के अलावा, PMI रिलीज बांड और मुद्रा बाजार को भी प्रभावित करता है। आपूर्तिकर्ता PMI उतार-चढ़ाव के आधार पर कीमतों पर निर्णय ले सकते है।
- PMI, अर्थव्यवस्था की दिशा के बारे में एक विचार देता है और अर्थशास्त्रियों को देश में विनिर्माण गतिविधि की भविष्यवाणी करने में मदद करता है।
- निर्माता और आपूर्तिकर्ता आने वाले महीनों में नए ऑर्डर के आधार पर अपनी उत्पादन जरूरतों को तय करने के लिए सूचकांक का उपयोग करते है।
- यह सूचकांक उन निवेशकों की भी मदद करता है जो शेयर बाजारों में निवेश करना चाहते हैं, क्योंकि यह देश के आर्थिक स्वास्थ्य का आकलन करने में मदद करता है।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस