मेथेनॉल मिश्रित डीजल (MD15) वाले अंतर्देशीय जल पोत का उद्घाटन

मेथेनॉल मिश्रित डीजल (MD15) वाले अंतर्देशीय जल पोत का उद्घाटन

हाल ही में मेथेनॉल मिश्रित डीजल (MD15) से चलने वाले अंतर्देशीय जल पोत के परीक्षण परिचालन का उद्घाटन किया गया है।

एस.बी. गंगाधर नामक इस जल पोत का परीक्षण परिचालन गुवाहाटी (असम) में किया गया था।

यह परीक्षण परिचालन फरवरी माह में आयोजित होने वाले भारत ऊर्जा सप्ताह 2023 (IEW 2023) की तैयारी के क्रम में आयोजित किया गया था।

IEW 2023, भारत की G20 की अध्यक्षता के तहत आयोजित होने वाला पहला बड़ा आयोजन है।

यह भारत के कार्बन उत्सर्जन को 2070 तक नेट- जीरो करने के प्रधान मंत्री द्वारा COP26 में किए गए संकल्प के अनुरूप है।

IEW, 2023 का आयोजन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत किया जा रहा है।

मेथेनॉल (CH,OH) को काष्ठ अल्कोहल के रूप भी जाना जाता है। यह निम्न कार्बन – हाइड्रोजन वाहक ईंधन है।

यह उच्च राख कोयले, कृषि अपशिष्ट, ताप विद्युत संयंत्रों से उत्सर्जित CO2 और प्राकृतिक गैस से उत्पादित होता है । इसमें इथेनॉल के समान गुण होते हैं।

इसका उपयोग विविध उत्पादों में किया जाता है। इन उत्पादों में प्लास्टिक, पेंट, सौंदर्य प्रसाधन आदि शामिल हैं।

भारत के लिए मेथेनॉल अर्थव्यवस्था का महत्त्व

गैसोलीन में 15% मेथेनॉल के मिश्रण से गैसोलीन / कच्चे तेल के आयात में कम से कम 15% की कमी की जा सकती है ।

यह पार्टिकुलेट मैटर, नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) और सल्फर ऑक्साइड (SOx) के मामले में ग्रीन हाउस गैस (GHG) उत्सर्जन में 20% तक की कमी ला सकती है।

हालांकि, मेथेनॉल की ऊर्जा दक्षता पेट्रोल और डीजल की तुलना में थोड़ी कम है, लेकिन यह परिवहन क्षेत्र, ऊर्जा क्षेत्र और खाना पकाने में इन ईंधनों का विकल्प बन सकता है।

जल पोतों को मेथेनॉल पर चलाने के लिए इनमें बदलाव करने की लागत अन्य वैकल्पिक ईंधनों के लिए बदलाव करने की तुलना में काफी कम है। इससे लगभग 5 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

मेथेनॉल आधारित अर्थव्यवस्था के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदम

मेथेनॉल अर्थव्यवस्था के लिए नीति आयोग ने रोड मैप प्रकाशित किया है।

भारतीय मानक ब्यूरो ने LPG में 20 प्रतिशत DME (डाइमिथाइल ईथर – इथेनॉल का एक उत्पाद) के मिश्रण के लिए अधिसूचना जारी की है।

सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने M-15, M-85, M – 100 मिश्रणों के लिए अधिसूचना जारी की है।

वर्ष 2018 में, असम पेट्रोकेमिकल्स ने एशिया का पहला कनस्तर आधारित मेथेनॉल कुकिंग फ्यूल कार्यक्रम शुरू किया था ।

भेल (BHEL), थर्मेक्स (Thermax) और IIT दिल्ली देश में कोयले से मेथेनॉल उत्पादित करने के लिए संयंत्र स्थापित करेंगे।

स्रोत – पी.आई.बी.

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