मेडिकल कॉलेजों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10% आरक्षण

मेडिकल कॉलेजों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10% आरक्षण

हाल ही में, मद्रास उच्च न्यायालय के निर्णयानुसार मेडिकल कॉलेजों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (Economically Weaker Sections: EWS) को 10% आरक्षण देने के लिए उच्चतम न्यायालय के अनुमोदन की आवश्यकता है ।

  • मद्रास उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा तथा दंत चिकित्सा कोर्स के लिए अखिल भारतीय कोटा योजना में EWS को 10% आरक्षण प्रदान करने के केंद्र के निर्णय के लिए उच्चतम न्यायालय की अनुमति की आवश्यकता होगी।
  • जुलाई में, केंद्र ने अखिल भारतीय कोटा (AIQ) योजना के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 27% कोटा और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10% आरक्षण को अधिसूचित किया था।
  • AIQ योजना वर्ष 1986 में आरंभ की गई थी। इसके अंतर्गत किसी भी राज्य के छात्रों को किसी अन्य राज्य के श्रेष्ठ मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्राप्त करने के लिए अधिवास प्रमाण की अर्हता से मुक्त (domicile-free) व योग्यता-आधारित अवसर प्रदान किए जाएंगे।
  • 103वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2019 के माध्यम से EWS के लिए आरक्षण लागू किया गया था। यह संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में खंड (6) समाविष्ट करके नौकरियों एवं शिक्षा में आर्थिक आधार पर आरक्षण प्रदान करता है।
  • उच्चतम न्यायालय में इस संशोधन को इस तर्क पर चुनौतीदी गई थी कि यह 50% की सीमा का उल्लंघन करता है और इंद्रा साहनी वाद में निर्धारित नियम के विपरीत है ।
  • EWS आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाएं अभी भी उच्चतम न्यायालय में लंबित हैं।
  • केंद्र ने संशोधन के पक्ष में तर्क प्रस्तुत किया कि 50% आरक्षण की सीमा केवल अनुच्छेद 15(4), 15(5) और 16(4) के तहत प्रदत्त आरक्षण पर लागू होती है, तथा यह अनुच्छेद 15(6) पर लागू नहीं होती है।

स्रोत – द हिन्दू

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