मेघाराज गोपालन
हाल ही में भारतीय मूल की महिला पत्रकार मेघाराज गोपालन को बेहतर पत्रकारिता के लिए पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- पुलित्जर पुरस्कार को दुनियाभर में पत्रकारिता जगत का यह सबसे बड़ा पुरस्कार माना जाता है।
- यह पुरस्कार ‘मेघाराजगोपालन’ को दुनिया के सामने चीन का झूठ दिखाने के लिए मिला है । इन्होने अपनी रिपोर्ट्स में चीन के डिटेंशन कैंपों में लोगों को दी जाने वाली यातना की सच्चाई को उजागर किया है।
- मेघाराजगोपालन ने सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषण के माध्यम से बताया कि चीन ने कैसे लाखों की संख्या में उइगर मुसलमानों को कैद करके रखा हुआ है।
- विदित हो कि मेघाराजगोपालन के साथ इंटरनेट मीडिया बजफीडन्यूज के दो बड़े पत्रकारों को भी पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- इसके साथ ही भारतीय मूल के पत्रकार नील बेदी को स्थानीय रिपोर्टिंग कैटेगरी में पुलित्जर पुरस्कार दिया गया है। उन्होंने फ्लोरिडा में सरकारी अधिकारियों के बच्चों की तस्करी को लेकर टंपा बे टाइम्स के लिए इंवेस्टीगेशन स्टोरी की थी। उन्होंने इस स्टोरी के जरिए कई अहम खुलासे भी किए थे।
पुलित्जर पुरस्कार
- पुलित्जर पुरस्कार पत्रकारिता के क्षेत्र का सबसे बड़ा पुरस्कार माना जाता है। इसे अमेरिका में पत्रकारिता के क्षेत्र का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार भी माना जाता है।
- पुलित्जर पुरस्कार पुरस्कार की शुरुआत साल 1917 में की गई थी, इसे कोलंबिया विश्वविद्यालय और ‘पुलित्ज़र पुरस्कार बोर्ड’ द्वारा प्रशासित किया जाता है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक प्रमाण पत्र, और 15,000 डॉलर की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस