1. ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वर्तमान में मंदी के दौर से गुजर रही है। कौन-से कारक इस तरह के अटकलों को जन्म दे रहे हैं? टिप्पणी कीजिए।
It is believed that Indian economy is currently undergoing a recession. Which factors are causing such speculation? Comment?
उत्तर
हाल ही में घटित कुछ घटनाक्रमों ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति में मंदी का आकलन किया है-
- रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने दावा किया है कि 2020 में देश की आर्थिक विकास दर में गिरावट आएगी।
- विश्व बैंक के जीडीपी आंकड़ों के अनुसार, भारत विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था से फिसलकर सातवें स्थान पर पहुंच गया है।
- ऑटोमोबाइल उद्योग के प्रतिनिधियों का मानना है कि खपत में कमी आई है। लोगों की क्रय शक्ति कमजोर हुई है। रोजगारों का अभाव है और बैंक भी उधार देने को इच्छुक नहीं है।
- पिछली सरकार पर आर्थिक वृद्धि दर के आंकड़ों में भी हेर-फेर के आरोप लगते रहे हैं, चाहे वे आधार वर्ष बदलना हो या तत्कालीन आर्थिक सलाहकार के खुलासे हो।
- रोजगारों का समाधान करने में अर्थव्यवस्था विफल रही है। बेरोजगारी का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि पिछले साल भारतीय रेलवे की 63 हजार नौकरियों के लिए 90 लाख लोगों ने आवेदन किए थे।
मौजूदा दौर में भारतीय आर्थिक मंदी को निम्न कारकों ने बढ़ावा दिया है-
- आर्थिक सुधारों की वजह से गिरावट – विमुद्रीकरण और जीएसटी की वजह से मांग में गिरावट आई।
- सख्त मौद्रिक और राजकोषीय नीति – मुद्रास्फीति केंद्रीय मौद्रिक नीति के कारण ब्याज दरें सख्त बनी रही। सरकारी खजाने पर भारी दबाव के कारण केंद्र को खर्च बढ़ाने में भी परेशानी हुई।
- वैश्विक घटनाक्रमों का प्रभाव – अमेरिका व चीन के बीच ट्रेडवार की वजह से निर्यात आधारित विकास के कमजोर होने के संकेत हैं। तेल के दामों में भी तेजी आई है।
- वित्तीय क्षेत्र का अस्त-व्यस्त होना – एनपीए अनुपात काफी खराब हैं, क्योंकि बैंक म्युचुअलफंड तथा कार्पोरेट सेक्टर से सम्बंधित इससे जुड़े हुए हैं।
निष्कर्ष :
हालांकि कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि भारत का आर्थिक संकट अस्थाई है। आर्थिक सेहत का आकलन किसी एक तिमाही के आधार पर नहीं करना चाहिए। भारत की अर्थव्यवस्था कम निर्यात के बावजूद भी खपत आधारित होने की वजह से मंदी से बच जाएगी। हालांकि गरीबी और बेरोजगारी जैसी चुनौतियों पर काम करने की जरूरत है।