भारत और यूनाइटेड किंगडम मुक्त व्यापार समझौता (FTA) वार्ता
हाल ही में भारत और यूनाइटेड किंगडम ने मुक्त व्यापार समझौता (FTA) वार्ताएं शुरू की हैं। इन वार्ताओं का उद्देश्य वर्ष 2022 के अंत तक एक FTA अवश्य संपन्न कर लेना है। साथ ही, इस दौरान मार्च 2022 तक एक अंतरिम समझौता या एक अर्ली हार्वेस्ट योजना पर कार्य पूरा कर लेना है।
- अर्ली हार्वेस्ट योजना FTA की प्रणेता है। यह परस्पर व्यापार करने वाले दो देशों की प्रशुल्कों को उदार करने के लिए कुछ उत्पादों की पहचान करने में मदद करती है। जब FTA पर वार्ता चल रही हो, तब इस योजना का उपयोग किया जाता है।
- भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच द्विपक्षीय व्यापार को वर्ष 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे 100 बिलियन डॉलर से अधिक करना है।
- साथ ही, अधिक पूरकता प्रदान करने वाले क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा। उदाहरण के लिए- कृषि और डेयरी क्षेत्र भारत के लिए संवेदनशील क्षेत्रक हैं।
भारत के लिए FTA का महत्व
- व्यापक स्तर पर रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों (जैसे कपड़ा उद्योग, चमड़े के उत्पाद फुटवीयर आदि) के लिए माल निर्यात में वृद्धि होगी।
- सेवाओं (जैसे सूचना प्रौद्योगिकी, नर्सिंग आदि) में निर्यात को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
- वर्तमान में भारत क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक समझौते (RCEP) में शामिल नहीं है। इस कारण FTA भारत की व्यापार समझौते करने की क्षमता को मजबूत करेगा।
FTA आपस में व्यापार करने वाले दो देशों या गुटों के बीच एक व्यवस्था है। इसका उद्देश्य दोनों देशों या गुटों के मध्य संतोषजनक व्यापारिक संबंध सुनिश्चित करना है। इसके लिए यह सीमा शुल्क प्रशुल्कों या गैर-प्रशुल्क बाधाओं को कम अथवा समाप्त कर देता है।
स्रोत –द हिन्दू