मीथेन ‘सुपर- एमिटर्स‘ की पहचान
हाल ही में, नासा के अर्थ सरफेस मिनरल डस्ट सोर्स इन्वेस्टिगेशन (EMIT) ने मीथेन ‘सुपर- एमिटर्स’ की पहचान की है ।
- EMIT मिशन ने मध्य एशिया, पश्चिम एशिया और दक्षिण-पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका में मीथेन गैस के 50 से अधिक सुपर एमिटर्स की पहचान करने में मदद की है।
- सुपर- एमिटर्स ऐसे केंद्र, उपकरण और अन्य अवसंरचनाएं हैं, जिनकी मीथेन उत्सर्जन दर बहुत अधिक है। ये केंद्र आदि आमतौर पर जीवाश्म ईंधन, अपशिष्ट या कृषि क्षेत्रकों से संबंधित हैं।
- सुपर- एमिटर्स का पता लगने से मीथेन रिसाव वाली जगहों की सटीक पहचान करने में मदद मिलेगी। इससे मीथेन उत्सर्जन की समस्या से शीघ्र निपटने के तरीकों का निर्धारण किया जा सकता है। यह इसलिए आवश्यक है, क्योंकि वैश्विक तापवृद्धि को सीमित करने के लिए मीथेन उत्सर्जन को कम करना बहुत जरूरी है।
- कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के बाद मीथेन ऐसी दूसरी ग्रीनहाउस गैस (GHGs) है, जिसका सर्वाधिक मानव जनित उत्सर्जन होता है। 20 वर्षों की अवधि में, इसकी तापवृद्धि क्षमता CO2 की तुलना में 80 गुना अधिक होती है।
- वर्तमान में, लगभग 30% वैश्विक तापवृद्धि के लिए मीथेन को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। कृषि गतिविधियां मीथेन उत्सर्जन का प्रमुख स्रोत हैं।
स्रोत – द हिन्दू