मिश्रित विमानन टरबाइन ईंधन पर आधारित देश की पहली वाणिज्यिक यात्री उड़ान

Share with Your Friends

मिश्रित विमानन टरबाइन ईंधन पर आधारित देश की पहली वाणिज्यिक यात्री उड़ान

हाल ही में विमानन क्षेत्र को कार्बन रहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण विकास के रूप में, स्वदेशी रूप से निर्मित सतत विमानन ईंधन (Sustainable Aviation Fuel: SAF) मिश्रण का उपयोग करते हुए देश की पहली वाणिज्यिक यात्री उड़ान सफलतापूर्वक शुरूआत की गई।

यह उड़ान पुणे से दिल्ली के लिए, एयर एशिया की उड़ान (15767) के साथ प्रारंभ की गई है । यह पहली घरेलू वाणिज्यिक यात्री उड़ान है जिसमें प्रयोगिक रूप से 01 प्रतिशत तक SAF ब्लेंड किया गया।

सतत विमानन ईंधन (Sustainable Aviation Fuel: SAF)

SAF एक जैव ईंधन है जिसका उपयोग विमान को चलाने के लिए किया जाता है जिसमें पारंपरिक जेट ईंधन के समान गुण होते हैं लेकिन कार्बन फुटप्रिंट कम होता है।

फीडस्टॉक और इसे बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीकों के आधार पर, SAF पारंपरिक जेट ईंधन की तुलना में लाइफ साइकिल GHG उत्सर्जन को नाटकीय रूप से कम कर सकता है।

वर्ष 2025 तक, अगर जेट ईंधन में 01 प्रतिशत SAF ब्लेंड करने का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है, तो भारत को प्रति वर्ष लगभग 14 करोड़ लीटर SAF की आवश्यकता होगी। हाल के वर्षों में SAF उत्पादन प्रौद्योगिकी ने बहुत प्रगति की है।

पारंपरिक जेट ईंधन के विपरीत, SAF का उत्पादन नवीकरणीय स्रोतों जैसे कृषि अपशिष्ट, ठोस अपशिष्ट एवं वानिकी अवशेषों से प्राप्त किया जाता है।

इसका मतलब यह है कि SAF में पारंपरिक जेट ईंधन की तुलना में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 80 प्रतिशत तक कम करने की क्षमता मौजूद है।

भारत में स्वदेशी फीडस्टॉक एवं प्रौद्योगिकी के रूप में गन्ने के शीरे का उपयोग करते हुए SAF का उत्पादन 2070 तक नेट जीरो की प्राप्ति की भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप आत्मनिर्भरता और विमानन क्षेत्र को कार्बन रहित करने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है।

भारत का नागरिक विमानन क्षेत्र लगभग 08 मिलियन टन विमानन टरबाइन ईंधन (ATF) की खपत करता है और 2019 (कोविड-19 से पहले) में लगभग 20 मिलियन टन ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन करता था।

भारत में प्रति वर्ष 19 से 24 मिलियन टन SAF का उत्पादन करने की संभावित क्षमता है जबकि 50 प्रतिशत के मिश्रण पर विचार करते हुए भी देश में SAF की अनुमानित अधिकतम आवश्यकता 2030 तक प्रति वर्ष लगभग 08 से 10 मिलियन टन है।

स्वदेशी जैविक फीडस्टॉक (गन्ना शीरे) का उपयोग न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा बल्कि किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त करने में भी सहायता प्रदान करेगा।

01 प्रतिशत SAF ब्लेंडिंग करने से, फीडस्टॉक के रूप में गन्ने की आपूर्ति करके 05 लाख से ज्यादा किसान लाभान्वित होंगे। इसके अतिरिक्त, 01 लाख से ज्यादा हरित नौकरियां भी प्राप्त होगी।

स्रोत – बिजनेस स्टैण्डर्ड  

Download Our App

More Current Affairs

Was this article helpful?
YesNo

Leave a Comment

Click to Join Our Current Affairs WhatsApp Group

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilation & Daily Mains Answer Writing Test & Current Affairs MCQ

In Our Current Affairs WhatsApp Group you will get daily Mains Answer Writing Question PDF and Word File, Daily Current Affairs PDF and So Much More in Free So Join Now

Register For Latest Notification

Register Yourself For Latest Current Affairs

June 2023
M T W T F S S
« May    
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
2627282930  

Mains Answer Writing Practice

Recent Current Affairs (English)

Current Affairs (हिन्दी)

Subscribe Our Youtube Channel

Register now

Get Free Counselling Session with mentor

Download App

Get Youth Pathshala App For Free

Hi, there

Welcome to Youth Destination IAS

We have a perfect gift For you:
Open Access to the Youth Destination Library

THANK YOU