मिशन प्रारंभ

मिशन प्रारंभ

  • हाल ही में मिशन प्रारंभ के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने निजी क्षेत्रक द्वारा निर्मित भारत के प्रथम रॉकेट विक्रम-S का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है।
  • विक्रम – S (VKS) के प्रक्षेपण की साथ ही अंतरिक्ष प्रक्षेपण बाजार में भारतीय निजी क्षेत्रक का प्रवेश हो गया है।
  • VKS का नाम विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। इसे स्काईरूट नामक स्टार्ट-अप ने विकसित किया है। VKS एकल चरण वाला स्पिन – स्टेबलाइज्ड ठोस प्रणोदक रॉकेट है।
  • यह विश्व के उन प्रथम कुछ ऑल-कंपोज़िट रॉकेट्स में शामिल है, जिनमें प्रक्षेपण यान की स्पिन स्टेबिलिटी के लिए 3 डी प्रिंटेड सॉलिड थ्रस्टर मौजूद हैं।
  • यह 290 से 560 किलोग्राम तक के पेलोड को सूर्य – तुल्यकालिक (sun- synchronous) ध्रुवीय कक्षाओं में ले जा सकता है।

प्रारंभ मिशन (Prarambh Mission):

  • प्रारंभ मिशन का उद्देश्य तीन पेलोड को अंतरिक्ष में ले जाना है, जिसमें 5 किलोग्राम का पेलोड भी शामिल है जिसे कई देशों के छात्रों द्वारा विकसित किया गया है।
  • प्रारंभ मिशन और विक्रम-S रॉकेट को हैदराबाद स्थित स्टार्टअप द्वारा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) तथा भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) के व्यापक समर्थन से विकसित किया गया था।

अंतरिक्ष में निजी क्षेत्रक की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए संस्थागत समर्थन

  • भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN – SPACe): इसे एक स्वायत्तशासी एजेंसी के रूप में स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य निजी क्षेत्रक को अधिकृत करना, उसे बढ़ावा देना, मदद करना और निगरानी करना है ।
  • न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL): इसे वर्ष 2019 में स्थापित किया गया था। इस संगठन का लक्ष्य भारतीय उद्योग भागीदारों की मदद से इसरो (ISRO) के कई वर्षों के अनुसंधान और विकास का व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करना है।

विक्रम साराभाई के बारे में

  • विक्रम साराभाई का जन्म गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। उन्हें इसरो की स्थापना का श्रेय दिया जाता है। उन्हें ‘भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक’ भी माना जाता है।
  • ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने उन्हें “भारतीय विज्ञान का महात्मा गांधी कहा था ।
  • वर्ष 1966 में होमी भाभा की मृत्यु के बाद साराभाई ने परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष का पदभार संभाला था।
  • उन्होंने प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रथम भारत-अमेरिका अंतरिक्ष उपक्रम (सैटेलाइट इंस्ट्रक्शनल टेलीविजन एक्सपेरिमेंट) शुरू करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी ।

स्रोत – द हिन्दू

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