माया सभ्यता

हाल ही में किये गए एक नए अध्ययन के अनुसार, माया सभ्यता की लगभग 500 सूखा प्रतिरोधी खाद्य पौधों तक पहुँच हो सकती है।

माया सभ्यता के अचानक पतन के पीछे का रहस्य अभी भी हमें नहीं पता है। वैज्ञानिकों को लंबे समय से संदेह है कि सूखे ने लोगों को भुखमरी की ओर धकेल दिया।

मक्का, बीन्स और स्क्वैश जैसी सूखा-संवेदनशील फसलों पर निर्भरता के कारण माया सभ्यता लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ा।

माया सभ्यता परिचय:

  • माया मेक्सिको और मध्य अमेरिका के एक स्वदेसी लोग हैं जो मेक्सिको में आधुनिक युकटान, क्विंटाना, कैम्पेचे, टबैस्को, चियापास, ग्वाटेमाला, बेलीज़, अल सल्वाडोर और होंडुरास के माध्यम से दक्षिण के निवासी हैं।
  • माया सभ्यता की उत्पत्ति युकाटन प्रायद्वीप में हुई थी। इसे अपनी विशाल वास्तुकला, गणित और खगोल विज्ञान की उन्नत समझ के लिये जाना जाता है।
  • माया का उदय लगभग 250 ई० से शुरू हुआ और पुरातत्त्वविदों को माया संस्कृति के क्लासिकपीरियड के रूप में जाना जाता है जो लगभग 900 ई० तक चला। अपनी चरम स्थिति में माया सभ्यता में 40 से अधिक शहर शामिल थे, जिनमें से प्रत्येक की आबादी लगभग 5,000 से 50,000 के बीच थी।
  • लेकिन फिर अचानक 800 से 950 ई० के बीच कई दक्षिणी शहरों को छोड़ दिया गया। इस अवधि को क्लासिक माया सभ्यताओं का पतन कहा जाता है जो आधुनिक वैज्ञानिकों को भ्रमित करती है।

विशेषताएं

  • 1500 ईसा पूर्व माया सभ्यता गाँवों में बस गई थी तथा मकई (मक्का), सेम (beans), स्क्वैश (squash) की खेती के आधार पर एक कृषि विकसित की गई थी। यहाँ 600 ई० तक कसावा (Sweet Manioc) भी उगाया जाता था।
  • उन्होंने समारोह केंद्रों का निर्माण शुरू किया और तकरीबन 200 ई० तक ये मंदिरों, पिरामिडों, महलों, गेंद खेलने हेतु कोर्ट और प्लाज़ा वाले शहरों में विकसित हो गए थे।
  • प्राचीन माया सभ्यता के लोगों ने भारी मात्रा में निर्माण हेतु पत्थर (प्रायः चूना पत्थर) का उत्खनन किया, जिसे उन्होंने ‘चर्ट’ (Chert) जैसे कठोर पत्थरों का उपयोग करके काटा। वे मुख्य रूप से स्लेश-एंड-बर्नकृषि अथवा झूम कृषि में संलग्न थे, लेकिन उन्होंने सिंचाई और पर्वतीय कृषि के क्षेत्र में उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया। उन्होंने चित्रलिपि लेखन एवं अत्यधिक परिष्कृत कैलेंडर तथा खगोलीय प्रणालियों की एक प्रणाली भी विकसित की।
  • माया सभ्यता के लोगों ने जंगली अंजीर के पेड़ों की भीतरी छाल से कागज़ बनाया और इस कागज़ से बनी किताबों पर अपनी चित्रलिपिलिखी। उन पुस्तकों को ‘कोडेक्स’ कहा जाता है।
  • माया सभ्यता के लोगों ने मूर्तिकला एवं नक्काशी की एक विस्तृत और सुंदर परंपरा भी विकसित की।
  • प्रारंभिक माया सभ्यता के बारे में जानकारी के मुख्य स्रोत वास्तुकला कार्य और पत्थर के शिलालेख व नक्काशीदार कार्य है।

स्रोत –द हिन्दू

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