मानसून सत्र के दौरान निलंबित प्रश्नकाल का पुनः आरम्भ
- सरकार द्वारा पिछले मानसून सत्र के दौरान ‘प्रश्नकाल’को निलंबित कर दिया गया था, इसके लिए 29 जनवरी से आरंभ होने वाले संसद के बजट सत्र में फिर से प्रारम्भ किया जाएगा।
- ज्ञात हो की संसद में इसे कोविड -19 महामारी के चलते स्थगित कर दिया था।
प्रश्नकाल:
- सामान्यतया, संसद की बैठक का प्रथम घंटा प्रश्नों के लिए निर्धारित होता है, जिसे प्रश्न काल कहा जाता है। इस दौरान संसद सदस्यों द्वारा मंत्रियों से सरकारी कार्यकलापों और प्रशासन के संबंध में प्रश्न पूछे जाते हैं तथा इस प्रक्रिया द्वारा उन्हें उनके मंत्रालयों की कार्यप्रणाली हेतु उत्तरदायी ठहराया जाता है।
- संसदीय प्रक्रिया नियमों में प्रश्नकाल उल्लिखित नहीं है।
- वर्ष 1991 के बाद से प्रश्नकाल के प्रसारण के साथ, प्रश्नकाल संसदीय कार्यप्रणाली का सबसे महत्त्वपूर्ण साधन बन गया है।
प्रश्नकाल’ में पूछे गए प्रश्न निम्नलिखित श्रेणी के होते हैं:
तारांकित प्रश्न:
ऐसे प्रश्नों का उत्तर मंत्री द्वारा मौखिक रूप में दिया जाता है एवं इन प्रश्नों पर अनुपूरक प्रश्न पूछे जाने की अनुमति होती है।
अतारांकित प्रश्न:
ऐसे प्रश्नों का उत्तर मंत्री द्वारा लिखित रूप में दिया जाता है एवं इन प्रश्नों पर अनुपूरक प्रश्न पूछने का अवसर नहीं मिलता है।
अल्पसूचना प्रश्न:
इस प्रकार के प्रश्नों को कम-से-कम 10 दिन का पूर्व नोटिस देकर पूछा जाता है, तथा प्रश्नों का उत्तर मंत्री द्वारा मौखिक रूप से दिया जाता है।
कब-कब नहीं होगा प्रश्नकाल:
दोनों सदनों में सत्र के प्रत्येक दिन ‘प्रश्नकाल’ आयोजित किया जाता है। किंतु दो दिन इसके अपवाद होते हैं:
जिस दिन राष्ट्रपति केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों के सांसदों को संबोधित करते हैं, उस दिन कोई प्रश्नकाल नहीं होता है।
जिस दिन वित्त मंत्री बजट पेश करते हैं, उस दिन प्रश्नकाल नहीं होता है।
स्त्रोत – पी आई बी