मानव विकास सूचकांक (HDI) 2021-2022
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा मानव विकास सूचकांक (HDI) जारी किया गया है
मानव विकास सूचकांक सूचकांक में भारत ने 191 देशों में 132वां स्थान प्राप्त किया है ।
मानव विकास सूचकांक, मानव विकास रिपोर्ट 2021-2022 का हिस्सा है। इसे UNDP प्रतिवर्ष जारी करता है।
HDI मानव विकास के तीन बुनियादी पहलुओं में, किसी देश की औसत उपलब्धि को मापता है जिसमें जीवन प्रत्याशा, शिक्षा या ज्ञान की पहुँच और आय या जीवन स्तर के संकेतकों को शामिल किया जाता है।
सूचकांक के मुख्य निष्कर्ष-
- पिछले 32 वर्षों में पहली बार वैश्विक स्तर पर मानव विकास की गति बाधित हुई है।
- लगभग 90% देशों के HDI मूल्य में गिरावट दर्ज की गई है। इस गिरावट के मुख्य कारण हैं: कोविड-19, यूक्रेन में युद्ध और पर्यावरणीय चुनौतियां।
- वैश्विक जीवन प्रत्याशा वर्ष 2019 के 72.8 वर्ष से गिरकर वर्ष 2021 में 71.4 वर्ष हो गई थी।
सूचकांक में भारत से संबंधित निष्कर्ष–
- भारत वर्ष 2020 में 189 देशों और क्षेत्रों में 131वें स्थान पर था। वर्ष 2021 में 191 देशों में वह 132वें स्थान पर है।
- भारत से बेहतर रैंकिंग वाले पड़ोसी देश हैं: श्रीलंका (73वा), चीन (79वा), भूटान (127वां) और
- बांग्लादेश (129वा)। . इसी अवधि में महिलाओं की स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष 12.6 से घटकर 11.9 वर्ष हो गए।
- 8% आबादी गंभीर बहुआयामी गरीबी से पीड़ित है।
सूचकांक में निम्नलिखित 3 बातों पर केंद्रित नीतियों को लागू करने की सिफारिश की गई है:
- निवेश (Investment): अक्षय ऊर्जा और महामारियों से निपटने की तैयारी के लिए निवेश।
- बीमा (Insurance): हमारे समाजों को अनिश्चित दुनिया के उतार-चढ़ाव का सामना करने के लिए तैयार करने हेतु सामाजिक सुरक्षा सहित बीमा।
- नवाचार (Innovation): भविष्य की किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए क्षमता निर्माण हेतु तकनीकी, आर्थिक व सांस्कृतिक क्षेत्र में नवाचार ।
स्रोत –द हिन्दू