विश्व बैंक की माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ 35 रिपोर्ट
हाल ही में भारत को वर्ष 2021 में विप्रेषण के रूप में 87 बिलियन डॉलर प्राप्त हुए हैं।
विश्व बैंक की ‘माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ 35’ रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में विप्रेषण प्रवाह में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। साथ ही, निम्न और मध्यमआय वाले देशों में विप्रेषण के वर्ष 2021 में 7.3 प्रतिशत बढ़कर 589 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
प्रमुख निष्कर्ष
- भारत को विप्रेषण के रूप में 87 अरब डॉलर प्राप्त हुए हैं। इस कुल विप्रेषण के 20 प्रतिशत से अधिक भाग के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका इसका सबसे बड़ा स्रोत था।
- भारत के बाद चीन, मैक्सिको, फिलीपींस और मिस्र का स्थान है।
- भारत में विप्रेषण के वर्ष 2022 में तीन प्रतिशत बढ़कर 89.6 बिलियन डॉलर होने का अनुमान व्यक्त किया गया है। यह कुल प्रवासियों की संख्या में गिरावट को दर्शाता है, क्योंकि अरब देशों से लौटने (भारत) वाले प्रवासियों का एक बड़ा भाग वापस लौटने (अरब देश) की प्रतीक्षा कर रहा है।
विप्रेषण का महत्व
विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर बनाए रखने में योगदान । भारतीय रुपये की अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने मूल्य को बनाए रखने में मदद करना, स्वास्थ्य सेवा, उद्यमिता, शिक्षा और समग्र आर्थिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव शामिल है।
स्रोत – द हिन्दू