महिला स्वयं सहायता समूह (SHGs) के लिए वित्तीय अनुदान जारी
हाल ही में प्रधान मंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के लिए वित्तीय अनुदान जारी किया है । जिसके तहत प्रधानमंत्री ने 4 लाख से भी अधिक स्वयं सहायता समूह (SHGs) को 1,625 करोड़ रुपये की पूंजीकरण सहायता राशि (capitalization support funds) जारी की है।
इस अनुदान का उद्देश्य महिलाओं के मध्य उद्यमिता का दायरा बढ़ाना और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प में उनकी अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित करना है।
इसके अतिरिक्त, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के औपचारिकरण की योजना (PM Formalisation of Micro Food Processing Enterprises: PMFM E) के अंतर्गत 7,500 SHG सदस्यों के लिए प्रारंभिक पूंजी (seed capital) के रूप में 25 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। साथ ही, 75 किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के लिए 4.13करोड़ रुपये भी आवंटित किए हैं।
सेल्फ हेल्फ ग्रुप (SHG)
SHG, 10-20 व्यक्तियों का एक लघु अनौपचारिक समूह होता है, जो सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि की दृष्टि से समरूप होते हैं। ये समूह, सदस्यों के बीच बचत की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करने और अपने सदस्यों के लाभ हेतु संसाधनों को जुटाने एवं उन्हें प्रबंधित करने के एक साझे हित के लिए एक साथ प्रयास करते हैं।
स्वयं सहायता समूह के लिए किए गए उपायः
दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (Deendayal Antyodaya Yojana – National Rural Livelihoods Mission: DAY-NRLM):
इसका उद्देश्य ग्रामीण निर्धन परिवारों को चरणबद्ध तरीके से स्वयं सहायता समूहों के साथ संबद्ध करना और उन्हें दीर्घकालिक सहायता प्रदान करना है।
स्वयं सहायता समूह – बैंक सहलग्नता कार्यक्रम (SHG-Bank Linkage Programme) – बैंकों के साथ SHG को जोड़ने का उद्देश्य बैंकों और ग्रामीण निर्धनों केमध्य SHG की मध्यस्थता का उपयोग करना है, ताकि बैंकों2 और उनके ग्रामीण ग्राहकों दोनों के लिए लेनदेन लागत मेंकटौती की जा सके। इस कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड/NABARD) द्वारा की गई है।
SGH का महत्व:
SHGs महिला सशक्तीकरण, निर्धनता उन्मूलन, वित्तीय अनुशासन, ग्रामीण और मानव संसाधन विकास आदि में 6 महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
स्रोत – पी आई बी