महिलाओं के खिलाफ हिंसा में वृद्धि
हाल ही में जारी संयुक्त राष्ट्र के एक शोध-पत्र के अनुसार कोविड-19 महामारी के दौरान एशिया और प्रशांत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा में वृद्धि हुई है।
महामारी ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा को दो प्रकारों से बढ़ावा दिया है:
- अंतरंग साथी द्वारा हिंसा और डिजिटल हिंसा।
- महामारी के कारण महिलाओं पर अवैतनिक देखभाल कार्य का बोझ भी बढ़ गया है।
महिला हिंसा में वृद्धि के कारण
अपराधियों के संपर्क में वृद्धि (लॉकडाउन, स्कूलों का बंद होना आदि); महामारी का अतिरिक्त तनाव; सहायता, सुरक्षा और कानूनी सेवाओं तक पहुंच में कमी; हिंसा की रिपोर्ट करने का कलंक आदि।
कोविड-19 के दौरान महिलाओं के खिलाफ हिंसा को संबोधित करने के लिए UN शोध पत्र की अनुशंसाएं
- हिंसा से पीड़ित महिलाओं की सहायता करना और महिलाओं की स्वास्थ्य सेवाओं को ‘आवश्यक’ के रूप में नामित करना।
- अप्रयुक्त भवनों का पुनः उपयोग करके आश्रय क्षमता का विस्तार करना।
- हिंसा की रिपोर्ट करने से संबंधित कलंक की भावना और अन्य बाधाओं का निवारण करना।
- हिंसा की रिपोर्ट करने के लिए नवीन तरीकों का विकास करना।
- महिलाओं को सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना।
- सरकारों, नागरिक समाज संगठनों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच भागीदारीको प्रोत्साहित करना।
महामारी के दौरान भारत में आरंभ की गई कुछ महत्वपूर्ण पहले
- घरेलू हिंसा के विरुद्ध महिलाओं की सहायता के लिए स्टैंड अप अगेंस्ट वायलेंस मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है।
- वूमेन एंटरप्रेन्योर्स फॉर ट्रांसफॉर्मेशन द्वारा रेड डॉट इनिशिएटिवः जब एक महिला को अपने घर में हिंसा का खतरा होता है, तो यह इसे पृथक रूप से दिखाने के लिए एक संकेत का उपयोग करता है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने घरेलू हिंसा पीड़ितों के लिए एक हॉटलाइन (महिला अधिकारियों द्वारा संचालित) नामित की है।
स्रोत – द हिन्दू