महापत्तन प्राधिकरण अधिनियम, 2021
महापत्तन प्राधिकरण अधिनियम, 2021 तीन नवंबर से लागू होगा,यह महापत्तन न्यास अधिनियम, 1963 की तुलना में अधिक संक्षिप्त है, क्योंकि विभिन्न अतिव्यापी और अप्रचलित उपबंधों को समाप्त कर दिया गया है।
इसने पत्तन प्राधिकरण बोर्ड की संरचना को सरलीकृत करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इसमें विभिन्न हितधारकों का प्रतिनिधित्व करने वाले वर्तमान 17 से 19 सदस्यों में से 11 से 13 सदस्य शामिल होंगे।
महापत्तन प्रशुल्क प्राधिकरण (TAMP) की भूमिका को पुनः परिभाषित किया गया है।
पत्तन प्राधिकरण को अब प्रशुल्क निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है। यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) परियोजनाओं के लिए बोली लगाने के उद्देश्य से एक संदर्भ प्रशुल्क होगा।
PPP परिचालनकर्ता बाजार की स्थितियों के आधार पर प्रशुल्क तय करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
निम्नलिखित के लिए एक न्याय निर्णायक बोर्ड गठित करने का प्रस्ताव किया गया है:
- 9 महापत्तनों के लिए पूर्ववर्ती TAMP के अवशिष्ट कार्यों को पूरा करना।
- पत्तनों और PPP रियायतग्राहियों के मध्य विवादों का समाधान करना।
- पत्तन प्राधिकरण बोर्ड को अनुबंध, योजना एवं विकास, राष्ट्रीय हित और सुरक्षा तथा निष्क्रियता व दोष से उत्पन्न होने वाली आपात स्थिति को छोड़कर प्रशुल्क तय करनेके लिए पूर्ण अधिकार सौंपे गए हैं।
- पूर्ववर्ती महापत्तन न्यास अधिनियम, 1963 में 22 मामलों में केंद्र सरकार की पूर्व स्वीकृति आवश्यक थी।
स्रोत –द हिन्दू