महाकाल लोक कॉरिडोर परियोजना
हाल ही में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में ‘महाकाल लोक कॉरिडोर’ परियोजना के प्रथम चरण का उद्घाटन किया गया है।
महाकाल लोक कॉरिडोर परियोजना महाकालेश्वर मंदिर और इसके आसपास के क्षेत्र से संबंधित है। यह मंदिर उज्जैन जिले (मध्य प्रदेश) में स्थित है। यह भगवान शिव को समर्पित मंदिर है।
यह कॉरिडोर मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को विश्व स्तरीय आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा। इस प्रकार उनके अनुभव व आनंद में और अधिक वृद्धि करेगा।
महाकालेश्वर मंदिर के बारे में –
- प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, महाकाल मंदिर की उत्पत्ति प्रागैतिहासिक काल में हुई थी।
- पुराणों के अनुसार इसकी स्थापना सर्वप्रथम भगवान प्रजापति ब्रह्मा ने की थी।
- रघुवंशम में कालिदास ने इस मंदिर को ‘निकेतन’ के रूप में वर्णित किया है। इसके अलावा, मेघदूतम में भी कालिदास ने महाकाल मंदिर का एक आकर्षक विवरण दिया है।
- मंदिर की वर्तमान पांच मंजिला संरचना का निर्माण मराठा सेनापति राणोजी शिंदे ने 1734 ई. में करवाया था। यह संरचना भूमिजा, चालुक्य और मराठा स्थापत्यकला शैलियों में निर्मित है।
- भूमिजा शैली महाराष्ट्र में विकसित प्राचीनतम पारंपरिक मंदिर स्थापत्यकला शैलियों में से एक है।
- ऐसे मंदिरों की पहचान की मुख्य विशेषता इनके तारे के आकार की निर्माण योजना और शिखर हैं।
- मंदिर के ऊपरी हिस्से मजबूत और अच्छी तरह से डिजाइन किए गए स्तंभों तथा भित्ति-स्तंभों पर टिके हुए हैं।
- मंदिर की मूर्तिकला में नटराज, रावणानुग्रह आदि की मूर्तियां शामिल हैं।
- यह एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है, जबकि अन्य सभी ज्योतिर्लिंग पूर्वमुखी हैं।
ज्योतिर्लिंगों के बारे में:
हिंदू धर्म में एक ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का प्रतिनिधित्व है। कुल ज्योतिर्लिंग की संख्या 12 हैं।
अन्य 11 ज्योतिर्लिंग निम्नलिखित हैं–
गुजरात में सोमनाथ और नागेश्वर, आंध्र प्रदेश में मल्लिकार्जुन, मध्य प्रदेश में ओंकारेश्वर, उत्तराखंड में केदारनाथ, महाराष्ट्र में भीमाशंकर, त्र्यंबकेश्वर और घृष्णेश्वर, वाराणसी में विश्वनाथ, झारखंड में बैद्यनाथ, और तमिलनाडु में रामेश्वरम।
स्रोत – द हिन्दू