मस्तिष्क ज्वर के उन्मूलन हेतु वैश्विक रोडमैप
हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इसकी सहयोगी संस्थाओं द्वारा वर्ष 2030 तक ‘मस्तिष्क ज्वर’ (Meningitis) महामारी के उन्मूलन हेतु एक वैश्विक रोडमैप जारी किया गया है।
यह ‘मस्तिष्क ज्वर’ या दिमागी बुखार का उन्मूलन करने के लिए पहली वैश्विक रणनीति है।
इसका उद्देश्य जीवाणु-जनित Meningitis महामारी अर्थात ‘बैक्टीरियल मेनिन्जाइटिस’ (Bacterial Meningitis) का अंत करना और इससे होने वाली मौतों को 70% तक कम करना तथा संक्रमण के मामलों की संख्या को आधा करना है।
नए रोडमैप के लक्ष्य:
- उच्च टीकाकरण कवरेज, नए किफायती टीकों का विकास और बेहतर रोकथाम रणनीतियों और प्रकोप के लिए प्रतिक्रिया का निर्माण करना।
- संक्रमण की तत्काल पहचान और रोगियों के लिए इष्टतम उपचार। रोकथाम और नियंत्रण प्रयासों को दिशा-निर्देशित करने हेतु अच्छे आंकड़े।
- प्रभावित लोगों के लिए देखभाल और सहायता, बीमारी की शीघ्र पहचान और इसके बाद चिकित्सा देखभाल तक बेहतर पहुंच और सहायता पर ध्यान केंद्रित करना।
- मस्तिष्क ज्वर के बारे में उच्च जागरूकता सुनिश्चित करने, राष्ट्रीय योजनाओं के लिए जवाबदेही तय करने, और रोकथाम, चिकित्सा-देखभाल और इसके बाद सेवाओं के अधिकार की अभिपुष्टि करने हेतु सिफारिश एवं अनुबंध करना।
महत्व:
यह रणनीति सालाना 200,000 से अधिक लोगों की जान बचा सकती है और इस बीमारी की वजह से होने वाली विकलांगता को काफी कम कर सकती है।
‘मस्तिष्क ज्वर’ या(Meningitis) के बारे में:
- ‘मस्तिष्क ज्वर’, मुख्यतः मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के चारो ओर मौजूद सुरक्षात्मक झिल्लियों में आने सूजन होती है।
- यह बीमारी, मुख्य रूप से बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण के कारण होती है।
- जीवाणु संक्रमण के कारण होने वाली मेनिन्जाइटिस बीमारी, एक वर्ष में लगभग 250,000 मौतों का कारण बन जाती है, और तेज़ी से फैलने वाली महामारी का रूप भी ले सकती है।
- इस रोग से प्रभावित प्रत्येक दस में से एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, और प्रत्येक पाँचवाँ व्यक्ति दीर्घकालिक विकलांगता के शिकार जाता है, जिनमे से ज्यादातर बच्चे और युवा होते है।
स्रोत – द हिन्दू