मल्टी एजेंसी सेंटर
केंद्र सरकार द्वारा राज्यों से ‘मल्टी एजेंसी सेंटर’ अर्थात ‘मैक’ (Multi Agency Centre – MAC) के माध्यम से अधिक खुफिया जानकारी साझा करने के लिए कहा गया है।
उपयोगिता
- राज्य प्रायः इस प्लेटफ़ॉर्म पर जानकारी साझा करने से हिचकते रहते हैं।
- इसमें, महत्वपूर्ण जानकारी को सही समय पर साझा करने में कई कमियां हैं।
- इस व्यवस्था को जिला स्तर तक जोड़ने के लिए एक दशक से भी अधिक समय से योजनाएं चल रही हैं।
MAC के बारे में:
- मैक (MAC), इंटेलिजेंस ब्यूरो के तहत एक सामान्य आतंकवाद-रोधीग्रिड है, जिसे कारगिल युद्ध के बाद वर्ष 2001 में शुरू किया गया था।
- रिसर्चएंडएनालिसिसविंग (R&AW), सशस्त्र बल और राज्य पुलिस सहित 28 संगठन ‘मल्टीएजेंसी सेंटर’ (MAC) का हिस्सा हैं।
- विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा MAC मैक पर रीयल-टाइम इंटेलिजेंसइनपुट साझा किए जाते हैं।
- अब खुफिया जानकारी साझा करने के लिए नोडल निकाय के रूप में 24/7 कार्य करते हुए, MAC केंद्र और राज्य, दोनों में कई एजेंसियों, विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय करता है।
नेशनलइंटेलिजेंसग्रिड (NATGRID)
नेटग्रिड (NATGRID) की परिकल्पना वर्ष 2009 में की गयी थी, इसका उद्देश्य सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के लिए एक ‘सुरक्षित मंच’ पर आव्रजनसंबधीप्रविष्टियों अर्थात प्रवासियों के आने व जाने संबंधित सूचनाओं, किसी संदिग्ध का टेलीफ़ोन विवरण तथा बैंकिंग संबंधी जानकारी प्राप्त करने हेतु ‘वन-स्टॉप केंद्र’ का निर्माण करना था।
स्रोत –द हिन्दू