मनरो ‘तुरुतु द्वीप’
हाल ही में नेशनल सेंटर फॉर अर्थ साइंस स्टडीज (NCESS) ने इस द्वीप से संबंधित एक अध्ययन किया है।
इस अध्ययन से यह पता चला है कि इस द्वीप के डूबने का मुख्य कारण मानवजनित हस्तक्षेप है।
पिछले दो दशकों में इस द्वीप का लगभग 39% भूमि क्षेत्र नष्ट हो गया है।
यह द्वीप केरल में अष्टमुडी झील और कल्लड़ा नदी के संगम पर अवस्थित है।
कल्लड़ा सिंचाई परियोजना के तहत तेनमाला बांध के निर्माण के साथ ही इस द्वीप का भू- धसाव शुरू हो गया था।
प्रस्तावित सुधार उपायः
रिवर्स लैंडस्केपिंग,अष्टमुडी झील और कल्लड़ा नदी में रेत खनन को विनियमित करना, तथा भवनों की निर्माण पद्धति में सुधार करना आदि ।
अष्टमुडी झील (Ashtamudi Lake):
‘अष्टमुडी झील’ केरल के कोल्लम ज़िले में स्थित है। इसका आकार आठ-भुजाओं वाला है।
झील का पारिस्थितिकी तंत्र अनूठा है और यह भारत के महत्त्वपूर्ण आर्द्रभूमि क्षेत्रों में से एक है। यह झील रामसर (Ramsar) स्थल भी है।
अष्टमुडी झील केरल की दूसरी सबसे बड़ी एस्चुरीन प्रणाली (Estuarine System) है। ‘एस्चुरीन प्रणाली’ नदी का वह जलमग्न मुहाना होती है जहाँ स्थल से आने वाले जल और सागरीय खारे जल का मिलन होता है तथा ज्वारीय लहरें क्रियाशील रहती हैं।
स्रोत – द हिन्दू