मद्रास उच्च न्यायालय की कोविड -19 दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर चुनाव आयोग पर टिप्पणी

मद्रास उच्च न्यायालय की कोविड -19 दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर चुनाव आयोग परटिप्पणी

हाल ही में मद्रास उच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की थी कि चुनाव आयोग कोविड 19 महामारी के लिए जारी दिशा-निर्देशों को लागू करने में विफल रहा है।

मद्रास उच्च न्यायालय की इसी टिप्पणी के संदर्भ में, चुनाव आयोग ने कहा कि यह संबंधित राज्य के अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत कोविड -19 महामारी के लिए जारी दिशा-निर्देशों को लागू करें। चुनाव आयोग की इसमें कोई भूमिका नहीं है।

आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 में आपदा की परिभाषा

  • अधिनियम के अनुसार, किसी भी क्षेत्र में प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों से होने वाली “आपदाओं, दुर्घटनाओं और गंभीर घटनाओं” को आपदाकहा जाता है ।
  • आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत, कोविद -19 महामारी को सरकार द्वारा आपदा घोषित किया गया है। यही कारण है कि सरकार आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत कोविद -19 महामारी के लिए दिशा-निर्देश जारी करती है।
  • आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत हाल ही में केंद्र सरकार ने राज्यों को, निजी संयंत्रों के पास मौजूदा भंडार सहित सम्पूर्ण ‘तरल ऑक्सीजन’ सरकार को उपलब्ध कराने तथा इसका केवल चिकित्सीय कार्यों में उपयोग करने का आदेश दिया है।

आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005

  • आपदा प्रबंधन अधिनियम वर्ष 2005 में पारित किया गया था। हालांकि, यह अधिनियम वर्ष 2006 से लागू हुआ।
  • अधिनियम का उद्देश्य आपदा के समय कुशल प्रबंधन करना है ताकिनुकसान को सीमित किया जा सके।
  • आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गतसमग्र राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन का संचालन करने के लिए ‘गृह मंत्रालय’एक नोडल मंत्रालय के रूप में कार्य करता है।
  • इसके अतिरिक्त, सरकार आपदा प्रबंधन करने या सहायता प्रदान करने के लिए भारत में कहीं भी किसी भी प्राधिकरण को कोई भी निर्देश जारी कर सकती है।
  • इस अधिनियम में राष्ट्रीय स्तर परराष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण,राज्य स्तर पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला स्तर पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के गठन का प्रावधान किया गया है जिससेपूरे देश में आपदा प्रबंधन संस्थानों की एक व्यवस्थित संरचना को बनाए रखा जा सके।
  • इसके साथ ही इस अधिनियम में केंद्र सरकार को राष्ट्रीय प्राधिकरण की सहायता के लिए एक राष्ट्रीय कार्यकारी समितिको गठित करने का प्रावधान भी किया गयाहै।
  • गौरतलब है कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री करते हैं।
  • राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष का गठन भी आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत किया गया है।

स्रोत – पी आई बी

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