मणिपुर जनसंख्या आयोग और जनसंख्या नीति
हाल ही में मणिपुर सरकार ने यह निर्णय लिया है कि चार से अधिक बच्चों वाले लोगों के लिए कोई सरकारी लाभ व नौकरी नहीं होगी ।
यह निर्णय स्पष्ट रूप से जनसंख्या नियंत्रण पर केंद्रित है। इस उद्देश्य से मणिपुर राज्य जनसंख्या आयोग की स्थापना की जा रही है।
राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात आदि जैसे विभिन्न राज्यों में जनसंख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से इसी प्रकार के कानून लागू किए गए हैं।
वर्तमान में, भारत में दुनिया की कुल जनसंख्या का लगभग 18% हिस्सा है, जबकि भारत के पास वैश्विक भूभाग का केवल 2.45% भाग ही है।
भारत शीघ्र ही चीन से आगे निकल कर दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा।
जनसंख्या नियंत्रण नीति के पक्ष में तर्क–
- जनसंख्या आधिक्य
- भोजन, वस्त्र और आवास की उपलब्धता पर दबाव पड़ता है ।
- यह बेरोजगारी और प्रच्छन्न बेरोजगारी की समस्या को बढ़ाता है ।
- पारिस्थितिक क्षरण में वृद्धि करता है ।
- यह अवसंरचना पर दबाव डालता है ।
इसके विपक्ष में तर्क–
- कार्यशील आयु वर्ग की आबादी में कमी होगी।
- पहले से ही कुल प्रजनन दर (IFR) में गिरावट आई है।
- पुत्र प्राप्ति की इच्छा असुरक्षित गर्भपात और कन्या भ्रूण हत्या का कारण बन सकती है।
- गर्भ निरोधकों या गर्भपात से जुड़े खर्च को वहन करने में कमजोर वर्ग असमर्थ है।
- यह उन्हें सजा देने जैसा होगा।
स्रोत – द हिन्दू