भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा आंध्र प्रदेश के कोरिंगा वन्यजीव अभयारण्य (CWS) में फिशिंग कैट की संख्या और उनके अस्तित्व का अनुमान लगाने के लिए दस फिशिंग कैट (मछियारी बिल्ली) की कॉलरिंग (गले का पट्टा लगाने) की शुरुआत की जाएगी।
फिशिंग कैट (मछियारी बिल्ली) – यह एक निशाचर प्राणी है। ये आर्द्रभूमियों में अधिवासित होते हैं और मुख्य रूप से सुंदरवन के मैंग्रोव वन में, चिल्का झील के आसपास, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों के साथ हिमालय की तलहटी तथा पश्चिमी घाट में पाए जाते हैं।
ये मछली, मेंढक, क्रस्टेशियंस, सांप और पक्षियों का शिकार करतेहैं तथा बड़े जानवरों के शवों का भक्षण करते हैं।
IUCN स्थितिः एंडेंजर्ड।
- फिशिंग कैट द्वारा सामना किए जाने वाले खतरों में आर्द्रभूमियों में विकास गतिविधियों के कारण पर्यावास की हानि, गहन जलीय कृषि, मांस और त्वचा के लिए शिकार आदि शामिल हैं।
- वर्ष 2012 में, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर फिशिंग कैट को राज्य पशु घोषित किया गया था।
कोरिंगा वन्यजीव अभयारण्य (CWS) –आंध प्रदेश
- यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा मैंग्रोव वन क्षेत्र है। यह काकीनाडा खाड़ी में गौतमी और गोदावरी के डेल्टाई विस्तार में स्थित है।
- यह ओलिव रिडले कछुए के प्रजनन स्थलों में से एक है।
- इस अभयारण्य के आसपास लगभग 177 वर्ग कि.मी. क्षेत्र को पर्यावरण संवेदी क्षेत्र घोषित किया गया है।
स्रोत – द हिन्दू