मंगलयान मिशन ने कक्षा में 8 वर्ष किये पूर्ण
हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मंगलयान मिशन ने कक्षा में 8 वर्ष पूरे हो गए हैं ।
- मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) या मंगलयान को वर्ष 2013 में प्रक्षेपित किया गया था। यह मंगल ग्रह के लिए इसरो का पहला अंतरिक्ष यान था।
- मंगलयान ने वर्ष 2014 में सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में प्रवेश किया था। इस उपलब्धि के साथ इसरो ऐसा करने वाली दुनिया की चौथी अंतरिक्ष एजेंसी बन गई थी।
- भारत से पहले, केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने ही इस प्रकार की सफलता प्राप्त की है।
- मंगलयान को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSIV) c-25 से प्रक्षेपित किया गया था।
मंगलयान में शामिल उपकरण हैं: मार्स कलर कैमरा, मंगल के लिए मीथेन सेंसर, मार्स एक्सोस्फेरिक न्यूट्रल कंपोजिशन एनालाइजर आदि।
मंगलयान के उद्देश्य–
- स्वदेशी वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग करते हुए मंगल ग्रह के धरातल की विशेषता, खनिज, स्थलाकृति और वायुमंडल का पता लगाना।
- किसी अन्य ग्रह पर मिशन को भेजने की योजना, डिजाइन, प्रबंधन और संचालन में आवश्यक प्रौद्योगिकियों का विकास करना।
मंगलयान के प्रमुख अध्ययन–
- इसने मंगल ग्रह का एटलस तैयार करने में मदद की है।
- इसे ऑर्बिटर द्वारा प्रदान की गई छवियों के आधार पर तैयार किया गया है। अब तक मार्स कलर कैमरा (MCC) ऑर्बिटर ने कुल दो टेराबाइट्स की हजारों तस्वीरें भेजी हैं।
- इसने मंगल के दो चंद्रमाओं फोबोस और डीमोस की निकट दूरी की तस्वीरें भेजी हैं।
- इसने खोज की है कि मंगल ग्रह पर धूल भरी आंधी सैकड़ों किलोमीटर तक ऊपर उठ सकती है।
मंगल ग्रह पर भेजे गए अन्य मिशन–
- चीन: तियानवेन 1 (मार्स ऑर्बिटर) और जूरोंग (मार्स रोवर)
- संयुक्त राज्य अमेरिका: मार्स पाथफाइंडर, मार्स ओडिसी, मार्स एक्सप्लोरेशन रोवर-अपॉर्म्युनिटी, मार्स 2020 पर्सीवरेंस रोवर
- यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी: मार्स एक्सप्रेस, एक्सोमार्स (रूस के साथ)
- संयुक्त अरब अमीरात: होप ऑर्बिटर
स्रोत – द हिन्दू