CCPA द्वारा भ्रामक विज्ञापनों और भ्रामक विज्ञापनों के अनुमोदन पर दिशा-निर्देश
हाल ही में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने “भ्रामक विज्ञापनों और भ्रामक विज्ञापनों के अनुमोदन की रोकथाम, 2022” पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
CCPA ने भ्रामक विज्ञापनों पर अंकुश लगाने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए ये दिशा-निर्देश अधिसूचित किए हैं।
CCPA उपभोक्ता मामले विभाग के तहत एक संस्था है। इसकी स्थापना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 (CPA, 2019) के अंतर्गत की गई है।
इसकी स्थापना निम्नलिखित मामलों के विनियमन के उद्देश्य से की गई है:
- उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन,
- अनुचित व्यापार प्रथाओं को अपनाना, और
- झूठे या भ्रामक विज्ञापन।
ये दिशा-निर्देश सभी प्लेटफॉर्स पर प्रकाशित विज्ञापनों पर लागू होंगे। इनके उल्लंघन के लिए दंड भी निर्धारित किया गया है।
गैर-भ्रामक और मान्य विज्ञापन की शर्ते निर्धारित की गई हैं। ये निम्नलिखित हैं:
- यह शुद्धता को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने वाला भ्रामक विज्ञापन नहीं होना चाहिए,
- यह वैज्ञानिक रूप से मान्य हो,
- पेश किए गए दावों की सार्वभौमिक स्वीकृति हो आदि।
- इनमें प्रलोभन (Bait) विज्ञापन को परिभाषित किया गया है। साथ ही, ऐसे विज्ञापनों के लिए शर्ते भी निर्धारित की गई हैं।
- प्रलोभन विज्ञापन में उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए वस्तु, उत्पाद या सेवा को कम कीमत पर बेचने की पेशकश की जाती है।
- सरोगेट विज्ञापन को प्रतिबंधित किया गया है। ये ऐसे विज्ञापन होते हैं, जिन्हें कानून द्वारा प्रतिबंधित या निषिद्ध किया गया है।
- यदि उपभोक्ता पैकेजिंग या किसी अन्य अपरिहार्य लागत के लिए भुगतान करते हैं, तो निःशुल्क दावा विज्ञापनों में किसी भी सामान, उत्पाद या सेवाओं को मुफ्त के रूप में वर्णित नहीं किया जाएगा।
- बच्चों को लक्षित करने वाले विज्ञापन अनुकरणीय व्यवहार को प्रोत्साहित या प्रेरित करने वाले नहीं होने चाहिए।
- साथ ही, खेल, संगीत या सिनेमा जगत की किसी हस्ती को उन उत्पादों के विज्ञापनों में नहीं दिखाया जाएगा, जिनके लिए किसी भी कानून के तहत स्वास्थ्य चेतावनी आवश्यक होती है।
स्रोत –द हिन्दू