भूमि सम्मान पुरस्कार 2023
हाल ही में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में “भूमि सम्मान” 2023 प्रदान किए।
पुरस्कार नौ राज्यों के सचिवों और जिला कलेक्टरों को ,‘डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम’ (Digital India Land Records Modernization Programme: DILRMP) के कार्यान्वयन में उनकी उपलब्धियों के लिए दिए गए हैं ।
DILRMP 1 अप्रैल 2016 में शुरू की गई एक केंद्रीय क्षेत्रक की योजना है। इसे पहले राष्ट्रीय भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के नाम से जाना जाता था ।
DILRMP को 2021-22 से पांच साल यानी 2025-26 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
इसका कार्यान्वयन ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया जाता है इसका उद्देश्य एक आधुनिक, व्यापक और पारदर्शी भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली विकसित करना ।
भू-अभिलेखों के आधुनिकीकरण का महत्त्व
अदालतों में भूमि विवाद से जुड़े लंबित मामलों की बड़ी संख्या को कम करने में मदद मिलेगी । केंद्र और राज्य सरकार के लिए भूमि सुधार लागू करने में सुगमता आएगी ।
इससे भूमि विवादों से जुड़े मुकदमे के कारण रुकी हुई परियोजनाओं की वजह से देश की अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद में होने वाले नुकसान में भी कमी आएगी।
नागरिक और सरकारी अधिकारियों के बीच कम संवाद होगा जिससे पारदर्शिता में वृद्धि होती है। भू-स्वामित्व की स्थिति स्पष्ट होने से कृषि के लिए पूंजी और ऋण की आपूर्ति को सुविधापूर्वक हो सकेगी।
भूमि संसाधन विभाग ने पूरे भारत में 94% डिजिटलीकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया है और 31 मार्च 2024 तक देश के सभी जिलों में भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण के मुख्य घटकों की 100% पूर्णता प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
हाल के वर्षों में, भारत ने एक एकीकृत भूमि प्रबंधन प्रणाली बनाने के लिए डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) के तहत भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं।
भूमि अधिकारों में सुधार के लिए अन्य पहलें
विशिष्ट भू-खंड पहचान संख्या (Unique Land Parcel Identification Number: ULPIN) या भू –आधार : इसके तहत भारत में भूमि पार्सल के लिए 14-अंकीय अल्फा -न्यूमेरिक नंबर प्रदान किया जाता है। जो प्रत्येक भूखंड के अक्षांश और देशांतर निर्देशांकों के आधार पर सृजित की जाती है।
स्वामित्व (SVAMITVA ) योजना: इसके अंतर्गत गाँव में संपत्ति के मालिकों को ‘रिकॉर्ड ऑफ राइट्स’ प्रदान करने के साथ-साथ कानूनी रूप से मान्य स्वामित्व कार्ड भी जारी किए जाते हैं।
स्रोत – पी.आई.बी.