भारत के 75 एंडेमिक पक्षी (75 Endemic Birds of India) रिपोर्ट
हाल ही में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) द्वारा “भारत के 75 एंडेमिक पक्षी (75 Endemic Birds of India)” शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में पाई जाने वाली लगभग 5% पक्षी प्रजातियां स्थानिक हैं यानी ये दुनिया के किसी अन्य हिस्सों में नहीं पायी जाती हैं।
रिपोर्ट के प्रमुख तथ्य:
- भारत 1,353 पक्षी प्रजातियां हैबिटेट है, जो वैश्विक पक्षी विविधता का लगभग 12.40% है। इन 1,353 पक्षी प्रजातियों में से 78 (5%) देश में स्थानिक यानी एंडेमिक हैं।
- 78 एंडेमिक प्रजातियों में से 3 निम्नलिखित प्रजातियाँ पिछले कुछ दशकों में दर्ज नहीं की गई हैं।
- इसमें पहली मणिपुर बुश बटेर (पर्डिकुला मणिपुरेंसिस) हैं, जिसे आखिरी बार 1907 में देखा गया था
- दूसरी हिमालयी बटेर (ओफ़्रीसिया सुपरसिलियोसा) है , जिसे 1876 में आखिरी बार देखा गया था
- और तीसरी जेर्डन कौरसर (राइनोप्टिलस बिटोरक्वाटस), जिसे 2009 में अंतिम बार देखा गया था।
- इस रिपोर्ट के अनुसार 75 पक्षी प्रजातियां 11 अलग-अलग ऑर्डर 31 परिवारों और 55 जेनेरा से संबंधित हैं, और उल्लेखनीय वितरण पैटर्न प्रदर्शित करती हैं। रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी घाट में स्थानिक प्रजातियों की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई है। यहाँ लगभग 28 पक्षी प्रजातियों को दर्ज किया गया है।
- देश के इस जैव-भौगोलिक हॉटस्पॉट में दर्ज की गई कुछ दिलचस्प प्रजातियाँ – मालाबार ग्रे हॉर्नबिल (ओसीसेरोस ग्रिसियस); मालाबार तोता (सिटाकुला कोलंबोइड्स); अशंबु लाफिंग थ्रश (मोंटेसिंक्ला मेरिडियनलिस); और सफेद पेट वाली शोलाकिली (शोलिकोला अल्बिवेंट्रिस) आदि है।
- 78 स्थानिक प्रजातियों में से 25 को IUCN द्वारा Threatened’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- तीन प्रजातियाँ (बुगुन लिओसिचला या लिओसिचला बुगुनोरम; हिमालयन बटेर या ओफ़्रिसिया सुपरसिलियोसा; जेर्डन कौरसर या राइनोप्टिलस बिटोरक्वाटस) को ‘क्रिटिकली इंडेंजर्ड’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण
- भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण (ZSI), पर्यावरण और वन मंत्रालय के तहत एक संगठन है।
- समृद्ध जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने हेतु अग्रणी सर्वेक्षण, अन्वेषण और अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण (ZSI) की स्थापना तत्कालीन ‘ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य’ में 1 जुलाई, 1916 को की गई थी।
- इसका उद्भव 1875 में कलकत्ता के भारतीय संग्रहालय में स्थित प्राणी विज्ञान अनुभाग की स्थापना के साथ ही हुआ था।
- इसका मुख्यालय कोलकाता में है तथा वर्तमान में इसके 16 क्षेत्रीय स्टेशन देश के विभिन्न भौगोलिक स्थानों में स्थित हैं।
स्रोत – द हिन्दू