भारत से विलुप्त होती हूलॉक गिबन प्रजाति
हाल ही में एक जानकारी के अनुसार हूलॉक गिबन प्रजाति भारत में बहुत ही कम पाया जाने वाला (lesser apes) प्राणीहो गया हैं। यह सियामंग (Siamang) के बाद दूसरे सबसे बड़े गिबन हैं।
- प्रारंभ में माना जाता था कि, भारत गिबन की दो प्रजातियों का घर है, अर्थात् पूर्वी हूलॉक गिबन (Eastern Hoolock Gibbon) और पश्चिमी हूलॉक गिबन (Western Hoolock Gibbon)।
- जबकि हाल ही में सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (Centre for Cellular and Molecular Biology) के एक अध्ययन में पाया गया कि, भारत में केवल पश्चिमी हूलॉक गिब्बन ही पाया जाता है।
अध्ययन के मुख्य बिंदु
- एक सामान्य पूर्वज से हूलॉक गिबन का विचलन 8.38 मिलियन साल पहले हुआ था। पश्चिमी हूलॉक गिबन और पूर्वी हूलॉक गिबन का विभाजन 1.49 मिलियन साल पहले हुआ था।
हूलॉक गिबन पर पहले की गलत धारणाएँ
- 1834 में पहली बार एक अमेरिकी प्रकृतिवादी आर हार्लन (R Harlan) ने हूलॉक गिबन का वर्णन किया था। पूर्वी हूलॉक गिबन और पश्चिमी हूलॉक गिबन को 2005 तक उप-प्रजाति माना जाता था। 2006 में, पूर्वी हूलॉक गिबन का पहला वितरण प्रकाशित हुआ था।
- पश्चिमी हूलॉक गिबन पूरे पूर्वोत्तर भारत, म्यांमार और बांग्लादेश में पाए जाते हैं। अरुणाचल प्रदेश में लोहित और दिबांग नदियों के बीच पूर्वी हूलॉक गिबन पाए जाते हैं।
हूलॉक गिबन
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature- IUCN) के अनुसार, भारत में पूर्वी हूलॉक गिबन की उपस्थिति अनिश्चित है।
- हूलॉक गिबन की तीन प्रजातियाँ हैं। पश्चिमी हूलॉक गिबन, स्काईवॉकर गिबन और पूर्वी हूलॉक गिबन हैं।
आईयूसीएन ने हूलॉक गिबन की विभिन्न प्रजातियों को निम्नलिखित श्रेणियों में रखा है:
- पश्चिमी हूलॉक गिब्बन: संकटग्रस्त (Endangeredया EN)
- पूर्वी हूलॉक गिबन: संवेदनशील(Vulnerable या VU)
- स्काईवॉकर गिबन: संकटग्रस्त(Endangered या EN)
स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस