भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश
हाल ही में वित्तीय वर्ष 2021-2022 में भारत ब्राजील को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश बन गया था।
वर्ष 2021-2022 में भारत में कुल 35.9 मिलियन टन चीनी उत्पादन हुआ था, जबकि ब्राजील में 32 मिलियन टन चीनी का उत्पादन हुआ था । उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र भारत के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य हैं।
गन्ना उत्पादक किसानों को समर्थन देने के लिए केंद्र सरकार उचित और लाभकारी मूल्य (Fair and Remunerative Price: FRP) प्रदान करती है तथा राज्य सरकारें राज्य परामर्शी मूल्य (State Advisory Price) जारी करती हैं।
चीनी के बढ़ते उत्पादन का लाभ:
- इससे रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
- चीनी निर्यात से लगभग 40,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई है।
- वर्ष 2025 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल – मिश्रित पेट्रोल का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी ।
- इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम 2003 में शुरू किया गया था ।
बढ़ते उत्पादन से जुड़े हुए मुद्दे:
- गन्ने की पैदावार के लिए विशेष रूप से सूखाग्रस्त क्षेत्रों (जैसे कि महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र) में भूजल का अत्यधिक दोहन किया जा रहा है।
- 100 किलोग्राम चीनी के उत्पादन के लिए आवश्यक गन्ने की फसल हेतु सिंचाई में लगभग 2 लाख लीटर भूजल की खपत होती है।
- मृदा का अम्लीकरण, ताजे जल के इकोसिस्टम में प्रदूषण, जैव विविधता की हानि आदि के लिए उत्तरदायी हो सकता है।
आवश्यक उपाय: फसलों की खेती में विविधता लाना; ड्रिप सिंचाई, वर्षा जल संचयन, अपशिष्ट जल उपचार को बढ़ावा देना आदि ।
अन्य संबंधित तथ्य:
- केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) के अनुसार वर्ष 2012 से 2021 के दौरान निगरानी किए गए 61.1 प्रतिशत कुओं के भूजल स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है।
- जल राज्य सूची का विषय है, इसलिए देश में जल स्तर को बढ़ाने के लिए प्रभावी वर्षा जल संचयन / भूजल का पुनर्भरण राज्यों के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आता है।
स्रोत – द हिन्दू