भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) संबंध
भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का संकल्प लिया है ।
भारत के प्रधान मंत्री की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने ‘जॉइंट विजन स्टेटमेंट’ (JVS) में प्रगति की समीक्षा की।
विदित हो कि JVS को वर्चुअल शिखर सम्मेलन (फरवरी 2022) के दौरान जारी किया गया था।
JVS ने दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत किया है। साथ ही इसने रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और निवेश पर विशेष ध्यान देते हुए सहयोग बढ़ाने के लिए रोड मैप भी तैयार किया है।
भारत–संयुक्त अरब अमीरात संबंधः
- व्यापारः भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) पर वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। यह समझौता आधिकारिक रूप से 1 मई 2022 से प्रभावी हो गया है। CEPA से पांच वर्षों के भीतर द्विपक्षीय वस्तु व्यापार के बढ़कर कुल 100 अरब अमेरिकी डॉलर हो जाने की उम्मीद है। इसी प्रकार द्विपक्षीय सेवा व्यापार के बढ़कर 15 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो जाने की अपेक्षा है। यह भारतीय निर्यातकों को संयुक्त अरब अमीरात के माध्यम से पश्चिम एशियाई देशों, अफ्रीका आदि तक पहुंच प्राप्त करने में मदद करेगा।
- रक्षा और सुरक्षाः डेजर्ट ईगल जैसे नियमित सैन्य अभ्यासों के माध्यम से क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने के लिए समुद्री सहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। दोनों देश संयुक्त रूप से चरमपंथ और सीमा पार आतंकवाद सहित सभी प्रकार के आतंकवाद से लड़ने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त कर चुके हैं।
- जन संपर्क: संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय प्रवासियों की संख्या सबसे अधिक (35 लाख) है। ये भारत में उच्च विप्रेषण (रमिटेंस) (वर्ष 2019 में 06 अरब डॉलर) के रूप में योगदान करते हैं।
- अंतरिक्ष सहयोग: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनो-उपग्रह नईफ-1 प्रक्षेपित किया था।
स्रोत –द हिन्दू