भारत – संयुक्त अरब अमीरात व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA)
हाल ही में भारत -संयुक्त अरब अमीरात व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) को एक साल पूरा हो गया है।
भारत-संयुक्त अरब अमीरात CEPA 1 मई, 2022 को लागू हुआ था।
एक पारंपरिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) केवल वस्तुओं के व्यापार पर केंद्रित होता है । वहीं CEPA सेवा, निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार ( PR), सरकारी खरीद, विवाद जैसे कई क्षेत्रकों के समग्र कवरेज के कारण अधिक व्यापक और महत्वाकांक्षी है ।
भारत ने जापान और दक्षिण कोरिया के साथ भी CEPA समझौते किए हैं। CEPA ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ भारत के द्विपक्षीय व्यापार को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है।
21 अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच दोनों देशों के मध्य व्यापार 72.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। यह 22 अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के बीच बढ़कर 84.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है ।
भारत से UAE को निर्यात 28 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 31.3 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है।
CEPA के कारण जिन प्रमुख क्षेत्रकों में निर्यात में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, उनमें शामिल हैं-
- खनिज तेल; विद्युत मशीनरी (विशेष रूप से टेलीफोन उपकरण); रत्न और आभूषण; ऑटोमोबाइल आदि ।
- वस्तुओं के संदर्भ में, UAE ने भारत से 99 प्रतिशत आयात से संबद्ध 4 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर शुल्क समाप्त कर दिया ।
- भारत ने मूल्य के संदर्भ में अपने 90 प्रतिशत निर्यात से संबद्ध अपनी 80 प्रतिशत से अधिक टैरिफ लाइनों पर शुल्क को तत्काल समाप्त कर दिया ।
- भारत ने अपने 160 सेवा उप-क्षेत्रकों (Sub-sectors) में से, संयुक्त अरब अमीरात को 100 उप–क्षेत्रकों की पेशकश की थी। संयुक्त अरब अमीरात ने भारत को 111 उप क्षेत्रकों की पेशकश की है ।
स्रोत – पी.आई.बी.