भारत – श्रीलंका संबंध

भारत – श्रीलंका संबंध

हाल ही में भारत ने श्रीलंका के लिए एक अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया है

यह क्रेडिट लाइन भारत द्वारा श्रीलंका को दी गई लगभग 4 बिलियन डॉलर की आपातकालीन सहायता का हिस्सा है।

यह सहायता पिछले साल की शुरुआत में श्रीलंका के वित्तीय संकट के और अधिक बढ़ने के दौरान विस्तारित की गई थी ।

भारत, जापान और चीन ने वित्त पोषण आश्वासन प्रदान करके श्रीलंका के लिए IMF सहायता सुनिश्चित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये तीनों देश श्रीलंका के तीन सबसे बड़े द्विपक्षीय कर्जदाता देश भी हैं ।

भारत -श्रीलंका संबंध

वाणिज्यिक: भारत-श्रीलंका ने मुक्त व्यापार समझौते ( ISFTA) पर 2000 में हस्ताक्षर किए गए थे। इससे द्विपक्षीय व्यापार में कई गुना वृद्धि हुई है। भारत 2021 में श्रीलंका का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार था । श्रीलंका दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क / SAARC / दक्षेस) में भारत का प्रमुख व्यापार भागीदार है ।

विकास : भारतीय आवास परियोजना के तहत उत्तरी और पूर्वी श्रीलंका में युद्ध प्रभावित लोगों तथा बागान क्षेत्रों में एस्टेट श्रमिकों के लिए घरों का निर्माण किया जाएगा। रेलवे, परिवहन, कनेक्टिविटी, रक्षा, सौर परियोजनाओं आदि के लिए कई लाइन ऑफ क्रेडिट (LoC) जारी की गई हैं।

संस्कृति: सांस्कृतिक सहयोग समझौता, लोगों के मध्य गहरा जुड़ाव, साझी बौद्ध विरासत, कोलंबो में स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र आदि । अशोक ने श्रीलंका के राजा देवानांपिय तिस्स के अनुरोध पर भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का प्रसार करने के लिए अपने पुत्र ‘अर्हत महिंद’ (महेंद्र) और पुत्री ‘थेरी संगमित्ता’ (संघमित्रा ) को श्रीलंका भेजा था ।

रक्षा क्षेत्र : संयुक्त सैन्य अभ्यास, जैसे- ‘मित्र शक्ति’, “SLINEX” आदि ।

दोनों देशों के बीच कुछ मुद्दे भी विद्यमान हैं, जैसे: मछली पकड़ने के पारंपरिक अधिकारों को लेकर मछुआरों से संबंधित मुद्दे, रुकी हुई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, चीनी प्रभाव वृद्ध आदि ।

स्रोत – लाइव मिंट

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