भारत ने वियतनाम को दिया INS कृपाण
हाल ही में भारत ने वियतनाम के साथ रक्षा संबंधों को बढ़ावा देने के लिए उसे INS कृपाण उपहार में दिया है।
- INS कृपाण खुकरी श्रेणी का एक मिसाइल युद्धपोत (corvette) है। यह तटीय और अपतटीय गश्त, तटीय सुरक्षा, समुद्र सतह आधारित युद्ध (Surface Warfare), एंटी- पायरेसी आदि में अलग-अलग प्रकार की भूमिकाएं निभा सकता है।
- रक्षा सहयोग को रक्षा कूटनीति का हिस्सा माना जाता है। यह राष्ट्रीय विदेश नीति के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने का एक आदर्श साधन है।
- इससे वैश्विक स्तर पर मित्रता के लिए आधार तैयार करने, संघर्षों को रोकने, आपसी विश्वास और क्षमताओं को बढ़ावा देने आदि में मदद मिल सकती है।
विदेश नीति के लक्ष्यों को पूरा करने में रक्षा सहयोग का महत्व:
- इससे निकटवर्ती पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) की सुरक्षा में वृद्धि होगी ।
- पड़ोसी देशों में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं और अशांति की स्थिति का सामना करने के लिए संयुक्त क्षमता में सुधार होगा।
- भारत के पड़ोसी देशों के अलावा प्रमुख वैश्विक शक्तियों के साथ भी संबंधों को मजबूत करने और ‘मित्रता का आधार’ तैयार करने में मदद मिलेगी।
- अन्य राष्ट्रों की प्रौद्योगिकियों, संगठनों, सिद्धांतों, अवधारणाओं आदि के संपर्क में आने से स्वयं के सशस्त्र बलों की क्षमताओं में वृद्धि की जा सकेगी। घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में 53 से अधिक देशों के साथ भारत का रक्षा सहयोग समझौता है।
स्रोत – द हिन्दू