भारत-यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA ) के बीच व्यापार समझौता
भारत-यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA ) के बीच व्यापार समझौता होने से वाणिज्य, निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने EFTA देशों के प्रतिनिधियों के साथ एक व्यापक व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता (TEPA) संपन्न करने की दिशा में आगे बढ़ने के तौर-तरीकों पर चर्चा की है।
TEPA भारत और EFTA के सदस्य देशों के बीच एक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है। EFTA में आइसलैंड, लिकटेंस्टाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं ।
मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दो या दो से अधिक देशों या व्यापारिक समूहों के बीच एक व्यवस्था है । यह मुख्यतः संबंधित पक्षों के बीच के अधिकतर व्यापार पर सीमा शुल्क और गैर-प्रशुल्क बाधाओं को कम करने या समाप्त करने का प्रावधान करता है। साथ ही, सेवाओं में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को भी आसान बना देता है।
इस दृष्टि से, TEPA महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ प्रदान कर सकता है। इन लाभों में एकीकृत और लचीली आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण, व्यापार एवं निवेश प्रवाह में वृद्धि, रोजगार सृजन, आर्थिक संवृद्धि आदि शामिल हैं।
EFTA मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने और मजबूत करने के लिए स्थापित एक अंतर-सरकारी संगठन है।
EFTA देश यूरोपीय संघ (EU) का हिस्सा नहीं हैं। इस समूह को ऐसे देशों के लिए एक विकल्प के रूप में स्थापित किया गया था, जो यूरोपीय संघ में शामिल नहीं होना चाहते थे ।
EFTA के साथ भारत का व्यापार
- भारत, EFTA का 9वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- EFTA देशों को भारत का निर्यात 2022-23 में 67 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। वर्ष 2021-22 में यह 1.74 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- EFTA देशों से भारत को आयात 2022-23 में 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर था । यह वर्ष 2021-22 में 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर था ।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस