भारत–यूएसए ,वैश्विक विकास साझेदारी समझौता
भारत–यूएसए ,वैश्विक विकास साझेदारी समझौता
हाल ही में , भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाँच वर्षों के लिए वैश्विक विकास साझेदारी समझौते का नवीनीकरण किया है।
- भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका का यह वैश्विक विकास साझेदारी नवीनीकरण समझौता अपने सहयोगी देशों को संयुक्त रूप से सहायता प्रदान करने का प्रावधान करता है।
- इसके साथ ही, दोनों पक्षों ने वैश्विक विकास के लिए त्रिकोणीय सहयोग पर मार्गदर्शक सिद्धांतों के वक्तव्य (Statement of Guiding Principles: SGP) में संशोधन पर हस्ताक्षरकिए हैं। इससे समझौते की वैधता वर्ष 2026 तक विस्तारित हो गई है।
- अफ्रीका के लिए फीड द फ्यूचर इंडिया ट्राएंगुलर ट्रेनिंग प्रोग्राम (FTFITT) इसके तहत संचालित एक परियोजना का उदाहरण है।
- आरंभ में वर्ष 2014 में SGP समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे और वर्ष 2019 में वर्ष 2021 तक के लिए इसका नवीनीकरण किया गया था।
त्रिकोणीय सहयोग (Triangular cooperation)
- त्रिकोणीय सहयोग में तीन अभिकर्ता लाभार्थी भागीदार ,सुविधाकर्ता भागीदार और मुख्य भागीदार, अर्थात् इनमें दक्षिण से दो (सुविधाकर्ता और लाभार्थी भागीदार) तथा उत्तर से एक (मुख्य भागीदार) शामिल होते हैं। मुख्य भागीदार के रूप में एक अंतर्राष्ट्रीय बहुपक्षीय संगठन भी हो सकता है।
- ‘उत्तर’ और ‘दक्षिण’ के विभाजन का उपयोग विकसित देशों (उत्तर) तथा विकासशील देशों (दक्षिण) के बीच मौजूद सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक भिन्नता को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
भागीदार भारत के अन्य त्रिकोणीय सहयोग के उदाहरण
भारत-जापान सहयोगः एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर (AAGC)।
भारत-यूनाइटेड किंगडम त्रिकोणीय परियोजना : इसे अफ्रीका के लिए भारत की व्यापार प्राथमिकताओं का समर्थन (Supporting India’s Trade Preferences for Africa: SITA) कहा जाता है। इसे यूनाइटेड किंगडम के डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (DFID) द्वारा वित्त पोषित किया गया है।
स्रोत – द हिन्दू
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