भारत में मधुमेह (DIABETES)

भारत में मधुमेह (DIABETES)

हाल ही में, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-इंडिया  मधुमेह (ICMR-INDAB) द्वारा भारत की मेटाबोलिक गैर-संचारी रोग स्वास्थ्य रिपोर्ट (Metabolic Non Communicable Disease Health Report of India) जारी की गयी।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:

  • इस क्रॉस-सेक्शनल जनसंख्या-आधारित सर्वेक्षण में 31 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से 20 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के प्रतिनिधि नमूने का आकलन किया गया।
  • रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 11% आबादी मधुमेह से पीड़ित है जबकि 3% आबादी पूर्व मधुमेह (Pre-Diabetes) से प्रभावित है।
  • शहरी भारत में 4% जबकि ग्रामीण आबादी में 8.9% जनसंख्या मधुमेह से पीड़ित है। शहरी आबादी का लगभग 15.4% और ग्रामीण भारत का 15.2% प्री-डायबिटिक चरण में हैं।
  • सभी 31 राज्यों में जनसंख्या के एक यादृच्छिक नमूने में पाया गया कि उत्तर प्रदेश में मधुमेह का प्रसार सबसे कम 4%, जबकि गोवा में सबसे अधिक 4% था।
  • अध्ययन के परिणाम संबंधित राज्य सरकार के साथ साझा किए जाएंगे ताकि वे जनसंख्या के स्वास्थ्य में सुधार के लिए नीतियां बना सकें।
  • वर्ष 1972 के बाद से, देश में मधुमेह के प्रसार पर ICMR का कोई अध्ययन नहीं हुआ है। उस समय, शहरी भारत में 3% था और ग्रामीण भारत में 1.5% जनसंख्या मधुमेह से पीड़ित थी।
  • यह अध्ययन पूरे देश में वर्ष 2008 और 2020 के बीच पांच चरणों में किया गया था, जिसमें प्रत्येक चरण में पांच राज्यों को शामिल किया गया था (सभी सात पूर्वोत्तर राज्यों को एक चरण में कवर किया गया था)।
  • 20 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 24 लाख व्यक्तियों को डोर-टू-डोर सर्वेक्षण में शामिल किया गया था।

मधुमेह:

  • मधुमेह एक ऐसी बीमारी है यह तब होती है जब ब्लड ग्लूकोज (रक्त शर्करा) की मात्रा, रक्त में आवश्यकता से बहुत अधिक हो जाती है।
  • यह एक दीर्घकालिक स्वास्थ्य स्थिति है जो शरीर द्वारा भोजन को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया को प्रभावित करती है।

मधुमेह शरीर को कैसे प्रभावित करता है?

  • शरीर हमारे द्वारा खाए जाने वाले अधिकांश भोजन को ग्लूकोज में तोड़कर हमारे रक्तप्रवाह में छोड़ देता है।
  • ग्लूकोज हमारे शरीर में ऊर्जा का मुख्य स्रोत है परंतु जब रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है, तो हमारा मस्तिष्क अग्न्याशय को इंसुलिन रिलीज करने का संकेत देता है।
  • इंसुलिन अग्न्याशय की बीटा कोशिकाओं द्वारा स्रावित एक हार्मोन है जो ग्लूकोज की सही मात्रा को हमारी कोशिकाओं तक पहुंचाने में मदद करता है ताकि कोशिकाएँ इसका उपयोग ऊर्जा के लिए कर सकें। अर्थात, इंसुलिन हार्मोन रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने के लिये जिम्मेदार है।
  • मधुमेह की स्थिति में शरीर पर्याप्त इंसुलिन या इंसुलिन ही नहीं बनाता है, अथवा उपलब्ध इंसुलिन का उपयोग ठीक से नहीं करता है।
  • ऐसे में ग्लूकोज की मात्रा रक्त में अधिक हो जाती है और यह हमारी कोशिकाओं तक नहीं पहुंचता है। मधुमेह आंखों, गुर्दे, नसों और हृदय को नुकसान पहुंचाने का जोखिम बढ़ाता है।

स्रोत – द हिन्दू

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