भारत में कोयला क्षेत्र
कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपनी कार्य योजना जारी की हैं।
योजना की मुख्य विशेषताएं –
- कोयला उत्पादन को 893 मिलियन टन (MT) के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 2023-24 में 1012 MT करने का लक्ष्य रखा गया है।
- घरेलू बाजार में कोयले के ऑनलाइन व्यापार में सहायता के लिए एक कोल ट्रेडिंग एक्सचेंज लॉन्च किया जाएगा।
- वित्त वर्ष 2024 में 50,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति के मुद्रीकरण का लक्ष्य रखा गया है।
- खदानों की सुरक्षा में सुधार, कोयले का निष्कर्षण, कोकिंग कोल रणनीति, खानों को बंद करने आदि के लिए प्रौद्योगिकी रोडमैप भी प्रदान किया गया है।
- खदान पर्यटन, हरित पहल, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) जैसी सतत पहलों पर भी चर्चा की गई।
भारत में कोयला क्षेत्रक –
- भारत में दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा कोयला भंडार है । यह कोयला उत्पादन में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।
- भारत कोयले के सबसे बड़े आयातकों में से एक है। यह अपना अधिकतर आयात इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया से करता है।
- भारत में कुल स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता में कोयले की हिस्सेदारी लगभग 50 प्रतिशत है।
कोयले का वर्गीकरण –
- एन्थ्रेसाइट (सर्वाधिक गुणवत्तायुक्त): इसमें 80-95 प्रतिशत तक कार्बन कंटेंट पाया जाता है। यह कुछ मात्रा में जम्मू-कश्मीर में मिलता है।
- बिटुमिनस: इसमें 60-80 प्रतिशत तक कार्बन कंटेंट पाया जाता है। इसमें कुछ मात्रा में नमी पायी जाती है। इसके भंडार मुख्य रूप से मध्य और पूर्वी भारत में हैं।
- लिग्नाइट: इसमें 40-55 प्रतिशत कार्बन कंटेंट पाया जाता है । यह राजस्थान, असम, तमिलनाडु आदि में मिलता है।
स्रोत – पी.आई.बी.