भारत में कैबिनेट मंत्री का पद
हाल ही में, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक बयान देने के पश्चात महाराष्ट्र पुलिस ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को गिरफ्तार कर लिया था।
क्या है केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया:
- संविधान में केंद्रीय मंत्री या संसद सदस्य को कुछ विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं, लेकिन यह अधिकार अधिकांश संसद सत्र चलने के दौरान उपलब्ध होते हैं।
- जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता है, तब किसी आपराधिक मामले में तो , पुलिस या अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां किसी सांसद या ‘केंद्रीय कैबिनेट मंत्री’ को गिरफ्तार कर सकती हैं।
- लेकिन राज्यसभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन विषयक नियमों की उपखंड 222A के अंतर्गत , पुलिस या गिरफ्तारी का आदेश निकालने वाले न्यायाधीश को गिरफ्तारी का कारण और स्थान के बारे में राज्यसभा के सभापति को सूचित करना आवश्यक होता है। सभापति के द्वारा सभी सदस्यों के सूचनार्थ इसको राज्य सभा के बुलेटिन में प्रकाशित करवाया जाता है।
केंद्रीय मंत्रियों को प्राप्त संरक्षण:
- संविधान के तहत किसी भी केंद्रीय मंत्री या सांसद को संसद सत्र आरंभ होने से 40 दिन पहले और सत्र जारी रहने के दौरान और सत्र-समापन के 40 दिन बाद तक गिरफ्तारी से सुरक्षा प्राप्त होती है।
- चूंकि, इसी महीने की शुरुआत में संसद का मानसून सत्र समाप्त हुआ है, अतः ‘नागरिक प्रक्रिया संहिता’ की धारा 135 के अंतर्गत हीनारायण राणे को एक सिविल अथवा दीवानी मामले में गिरफ्तारी से सुरक्षा प्राप्त है।
- लेकिन उनकी गिरफ्तारी एक आपराधिक मामले में हुई थी, और ‘आपराधिक मामलों’ या ‘निवारक निरोध’ मामले में किसी मंत्री या संसद सदस्य को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्राप्त नहीं होती है।
क्या अंतर होता है, मंत्रिपरिषद, मंत्रिमंडल और कैबिनेट
विदित हो कि भारत में संसदीय शासन व्यवस्था को अपनाया गया है। संसदीय शासन व्यवस्था में सरकार का मुख्य अंग कार्यपालिका होता है।
भारत में कार्यपालिका दो तरह की होती है
- नाममात्र की कार्यपालिका, जिसके प्रमुख राष्ट्रपति होते हैं ।
- वास्तविक कार्यपालिका, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद।
राष्ट्रपति नाम मात्र की कार्यपालिका कैसे?
- भारतीय संविधान में राष्ट्रपति को बहुत सी शक्तियां प्रदान की जाती हैं लेकिन इन शक्तियों का प्रयोग वह अकेले या अपनी इच्छा अनुसार नहीं करते हैं बल्कि संसद में जो चुने गए मंत्री होते हैं, उनके माध्यम से करते हैं।
- संविधान के अनुच्छेद 74 में कहा गया है कि राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रीपरिषद होगी जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होगा। जबकि मंत्रिपरिषद में तीन तरह के मंत्री होते हैं कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री और उपमंत्री ।
कैबिनेट मंत्री : मंत्रिमंडल का खास हिस्सा कैबिनेट मंत्रियों के पास होता है, उन्हें एक या इससे अधिक मंत्रालय भी आवंटित किए जाते हैं। सरकार के सभी फैसलों में कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं । सरकार कोई भी फैसला, कोई अध्यादेश, नया कानून, कानून संसोधन वगैरह कैबिनेट की बैठक में ही तय करती है।
मंत्रिपरिषद : प्रधानमंत्री,कैबिनेटमंत्री,राज्यमंत्री और उपमंत्री से मिलकर बनती है। 91वें संविधान संशोधन 2003 में प्रावधान किया गया कि मंत्रीपरिषद में मंत्रियों की संख्या लोकसभा (सदन )की सदस्य संख्या का 15 % से अधिक नहीं होगी
मंत्रिमंडल: प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्री से मिलकर बनता हैं ।
स्रोत –इंडियन एक्सप्रेस